नई दिल्ली। हर साल 5 सितंबर का दिन देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. ये दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति रहे सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के दिन मनाया जाता है. सर्वपल्ली राधाकृष्णन महान शिक्षक के साथ-साथ राजनीतिज्ञ एवं दार्शनिक भी थे. उन्होंने अपनी ज़िंदगी के 40 साल अध्यापन को दिए. इस खास दिन पर जानिए भारत में कैसे बनते हैं टीचर। भारत में अलग-अलग लेवल का शिक्षक बनने के लिए, अलग-अलग डिग्री-डिप्लोमा लेना पड़ता है।
नर्सरी टीचर- नर्सरी टीचर बनने के इच्छुक कैंडीडेट्स को नर्सरी टीचर ट्रेनिंग करनी होती है. NTT कोर्स बच्चे के समग्र विकास के सभी पहलुओं से संबंधित है. इस कोर्स में कैंडीडेट्स ट्रेनिंग के दौरान बच्चे के शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए शिक्षण विधियों से परिचित होते हैं. इस कोर्स की अवधि एक साल की होती है. कोर्स में दाखिले के लिए 12वीं में किसी भी स्ट्रीम से कम से कम 50% नंबर हो।
प्राइमरी टीचर- प्राइमरी टीचर पहली से पांचवी क्लास के स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं. प्राइमरी लेवल टीचर बनने के लिए Diet (District Institute of Education and Training) या D.EL.ED (Diploma in Elementary Education) नाम का डिप्लोमा कोर्स किया जाता है. इस कोर्स की अवधि 2 साल है. कोर्स में दाखिले के लिए 12वीं में किसी भी स्ट्रीम से कम से कम 50% नंबर हो.
TGT- टीजीटी (Trained Graduate Teacher) के लिए उम्मीदवार ग्रेजुएट और बीएड हो. टीजीटी शिक्षक 6th से 10th क्लास के बच्चों को पढ़ाते हैं.
PGT– पीजीटी (Post Graduate Teacher) टीचर के लिए उम्मीदवार पोस्ट ग्रेजुएट के साथ बीएड पास हो. पीजीटी शिक्षक 10th से 12th क्लास के बच्चों को पढ़ाते हैं
भारत में इन सभी पदों के टीचर बनने के लिए कैंडीडेट्स को Teacher Eligibility Test पास करना होगा. ये टेस्ट देश के हर राज्य में नौकरी के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. फिर इस टेस्ट के बाद कैंडीडेट्स वैकेंसी के अनुसार आयोजित किया गया टेस्ट भी पास करना होता है.
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लेक्चरर- कॉलेज में बतौर प्रोफेसर पढ़ाने के लिए कैंडीडेट्स को M.A के बाद UGC नेट (National Eligibility Test) एग्जाम देना होता है. ये एग्जाम साल में दो बार होता है. इस एंट्रेंस 2 पेपर ही आयोजित किए जाते हैं.
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