कार्यालय संवाददाता
मथुरा। वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रात मंगला आरती के दर्शन के समय हुए हादसे की जांच करने आई दो सदस्यीय समिति के सामने बड़ी संख्या में लोग आए। उन्होंने हादसे की पुनरावृत्ति रोकने और कॉरिडोर के प्रस्ताव के संबंध में बयान दर्ज कराए।
गौरतलब है कि मंगला आरती के दर्शन के दौरान ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में उमड़ी भीड़ के समय दम घुटने से दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। कई श्रद्धालु घायल हो गए थे। हादसे ने लखनऊ की सरकार को हिला दिया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हादसे की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति का गठन किया गया। इसमें यूपी के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह एवं अलीगढ़ के मंडलायुक्त गौरव दयाल को शामिल किया गया है। पहले दिन पूर्व पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने एक श्रद्धालु की तरह गोपनीय ढंग से जांच की शुरुआत की थी। अगले दिन लाव लश्कर के साथ उन्होंने ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर पहुंचकर जांच को आगे बढ़ाया। अलीगढ़ के मंडलायुक्त गौरव दयाल ने भी मंदिर पहुंचकर गोस्वामियों से बात की थी। जांच समिति की ओर से 25-26 अगस्त को जांच के लिए लोगों को बयान दर्ज करने के लिए पर्यटक सुविधा केंद्र (टीएफसी) बुलाया गया।
आज सुबह जांच समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह एवं अलीगढ़ के मंडलायुक्त गौरव दयाल पहुंच गए। फिर तो बयान दर्ज कराने के लिए लोगों का आना शुरु हो गया। सुबह से सायं तक चली जांच के दौरान 55 बिंदुओं को लेकर करीब 150 लोगों ने बयान दर्ज कराए। बयान दर्ज कराने के लिए आए लोगों के कारण मेला सा नजर आने लगा। दो बसों में सवार होकर बयान दर्ज कराने आए लोग चर्चा का विषय बन गए। हालांकि अन्य लोग अपने-अपने वाहनों से आए। जांच समिति के अध्यक्ष सुलखान सिंह के मुताबिक वृंदावन में जांच पूरी करने के लिए काशी भी जाएंगे। वहां बने कॉरिडोर को देखेंगे। उसके बाद सरकार को रिपोर्ट सौंपेगे।
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