ठाकुर श्रीबांकेबिहारी जी का धूमधाम से मनेगा 481वां प्राकट्योत्सव

श्री बाँकेबिहारीजी मंदिर

यूनिक समय ,मथुरा। वृंदावन। मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी को आराध्य ठाकुर श्रीबांकेबिहारी का प्राकट्य हुआ था। आराध्य के प्राकट्योत्सव को मनाने के लिए देश-विदेश से उनके भक्त वृंदावन पहुंचने लगे हैं। ठाकुर श्रीबांकेबिहारी महाराज का 481वां प्रादुर्भाव महोत्सव 6 दिसंबर को मंदिर और उनकी प्राकट्य स्थली निधिवन में धूमधाम से मनाया जाएगा। मंदिर को विद्युत प्रकाश, गुब्बारों और पीले रंग के कपड़ों से सजाया जाएगा।

परंपरागत महोत्सव की तैयारियां सेवायत गोस्वामियों द्वारा जोरों से की जा रही हैं। मंदिर के सेवायत आचार्य प्रहलाद वल्लभ गोस्वामी ने बताया कि 6 दिसंबर को विहार पंचमी तिथि पर सुबह ठाकुर श्रीबांकेबिहारी जी की प्राकट्य स्थली निधिवन में दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, गंगा-जमुना एवं गुलाबजल आदि से पहले सेवायत गोस्वामी उसके बाद श्रद्धालुओं द्वारा अभिषेक किया जाएगा। इस दौरान पद गाए जाएंगे। ठाकुरजी के प्राकट्यकर्ता स्वामी हरिदास महाराज की बधाई चाव शोभायात्रा (सवारी) निधिवन से शुरू होकर दोपहर 12 बजे बांकेबिहारी मंदिर पहुंचेगी।

मान्यता है कि आराध्य के प्राकट्यकर्ता स्वामी हरिदासजी अपने आराध्य को प्राकट्य की बधाई देने के लिए चांदी के रथ पर विराजमान होकर सवारी के रूप में बांकेबिहारी मंदिर जाते हैं। मंदिर में बांकेबिहारी का मंगल टीका करके मेवाओं का तथा मोहनभोग (केसर हलुआ) का भोग लगाया जाएगा। इसके बाद आराध्य की आरती की जाएगी। ठाकुर बांकेबिहारी महाराज, स्वामी हरिदास एवं जगन्नाथजी को एक साथ राजभोग सेवित किया जाएगा। इसके बाद यह विशेष मोहन भोग भक्तों में वितरित किया जाएगा।

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