बंदायू। उत्तर प्रदेश में बीते दिनों कोर्ट द्वारा कई ऐसे फैसले सुनाए गए जो कई साल पुराने है। इसी कड़ी में बदायूं में आठ साल पहले हुई गोलीबारी में एक बुजुर्ग की मौत के मामले में नामजद एक किशोर और दो किशोरियों को कोर्ट ने अनोखी सजा सुनाई है। किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी पाए गए किशोर व किशोरियों को वृद्धा आश्रम में सेवा दान का आदेश दिया है। गोलीबारी मामले में किशोर को 15 दिन और दोनों किशोरियोंको सात दिन तक वृद्धा आश्रम में रहकर बुजुर्गों की सेवा करने होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने तीनों पर 10-10 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है। हैरान करनी बात तो यह है कि रिश्ते में तीनों भाई-बहन हैं।
जानकारी के अनुसार शहर के दातागंज क्षेत्र में 25 जुलाई 2014 को एक बुजुर्ग के ऊपर फायरिंग हुई थी। इस मामले में पुलिस में दर्ज मुकदमे में शिकायतकर्ता प्रेमलाल ने बताया था कि वह अपने घर के बाहर था। इसी दौरान उनके बेटे वीरेंद्र से इन तीनों का किसी बात पर झगड़ा हो गया। उसके बाद इन तीनों ने उन पर, उनके दामाद वीरेंद्र, बेटी कुमकुम और समधी विजेंद्र पर ईंट-पत्थर चलाते हुए जान से मारने की नियत से फायरिंग की। इस फायरिंग में गोली लगने से प्रेमपाल के समधी विजेंद्र घायल हो गए थे। शुरुआती तौर पर यह मामला हत्या के प्रयास को ध्यान में रखकर दर्ज किया गया था। लेकिन इलाज के दौरान विजेंद्र ने दम तोड़ दिया, जिसके बाद यह मुकदमा हत्या में तब्दील हो गया।
पुलिस ने इस मामले में एक किशोर और दो किशोरियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने इन सभी के खिलाफ चार्जशीट लगाते हुए नाबालिगों को किशोर न्यायालय बोर्ड भेजा था। इसी मामले की सुनवाई करते हुए किशोर बोर्ड की न्यायाधीश आंचल अधाना, अरविंद कुमार और सदस्य प्रमिला गुप्ता ने इन सभी को सुधार गृह में बिताई गई अवधि के बराबर ही सजा सुनाई। अब इन्हें सुधार गृह में और ज्यादा दिन बिताने की जरूरत नहीं रही। कोर्ट के आदेश के मुताबिक इन तीनों बच्चों को अब वृद्धा आश्रम में रहकर बुजुर्गों की सेवा करनी होगी।
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