महेश वाष्र्णेय
यूनिक समय, वृंदावन। चारों धाम से निराला वृंदावन धाम दर्शन कर लो जी। हकीकत में शनिवार को इस धाम का नजारा निराला था। हर कोई भक्ति और आस्था में डूबा था। वजह थी कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक (कुंभ मेला) में शाही स्नान से पहले संत और महंतों की ओर से निकाली गई शाही पेशवाई (शोभायात्रा)। इसमें शामिल संत और महंतों के दर्शन करने के लिए हर कोई आतुर दिखाई दिया। श्रद्धालुओं के मुंह से निकल रहा था कि संतों के दर्शन से बेड़ापार होगा। तकदीर बदलेगी।
सुबह देवराहा घाट से प्रारंभ हुई शोभायात्रा में अखिल भारतीय वैष्णव तीन अनी अखाड़ों के वीर ध्वजों एवं निशान को लेकर संत चल रहे थे। शोभायात्रा की अगुवाई मेंं तीन अनी, 18 अखाड़ों के महंतों ने की। नगर निगम के मेयर डा. मुकेश आर्य बंधु, नगर आयुक्त रविंद्र कुमार मादंड ने वृंदावन जोन के कार्यालय पर संतों का स्वागत किया। इससे पहले विभिन्न अखाड़ों के महंतों का रास्ते में स्वागत किया। फूल बरसाए गए। कोई संत घोड़ा पर सवार था। कोई ऊंट पर सवार था।
कोई बग्गी पर सवार था। कोई कार में सवार था। कोई ट्रैक्टर-ट्राली में सवार होकर आया। कई अखाड़ों के साधुओं के हाथ तलवार एवं डंडे थे। स्वागत में बरसे फूलों से सड़क का नजारा अलग दिखाई दे रहा था।
जैसे हर किसी ने संतों के सम्मान में पलक फावडे बिछा दिए हों। शोभायात्रा विभिन्न मार्गों से होती हुई शाही स्नान घाट पर पहुंची। यहां सबसे पहले अखाड़ों के महंतों ने वीर ध्वजों को स्नान कराया। कुंभ मेला के अदभुत नजारे को हर किसी ने अपनी आंखों में कैद करने की कोशिश की।
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