प्रदेश में खेतों में सिंचाई के लिए पानी इकट्ठा करने के लिए बनाई जाने वाली नाड़ियां दिन-ब-दिन खतरनाक साबित होती जा रही है। इन नाड़ियों में डूबने से गुरुवार देर शाम अजमेर जिले के केकड़ी इलाके में 3 बच्चों की मौत हो गई। इससे पहले 2 दिन पहले भी अजमेर के ही पीसागंज में 4 बच्चे खेत में बड़ी नाड़ी में डूब गए थे। दिन का शव करीब 4 से 5 घंटे बाद निकाला गया था।
दरअसल केकड़ी के बावरियों की ढाणी में रहने वाला मोदी , किस्मत और राजेंद्र गुरुवार को स्कूल से लौटने के बाद देर शाम तक खेत में बड़ी नाड़ी के पास ही होने पर खेल रहे थे। इसी दौरान अचानक खेलते खेलते पानी में डूब गए। जब एक युवक वहां से गुजर रहा था तो उसने तीनों के शव तैरते हुए देखे। ऐसे में उसकी उसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों के शव को देर रात मोर्चरी में रखवाया गया। आज सुबह तीनों के शव का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
घटना के बाद अब पूरी ढाणी में मातम छा चुका है। इस हादसे में सुरेश नाम के युवक ने अपने एक बेटे और बेटी को खोया है। घटना के बाद सुरेश और उसकी पत्नी की हालत बेसुध है। दोनों ने देर रात से अब तक खाना और पानी भी नहीं लिया है। फिलहाल परिजन ढांढस बनाने में लगे हुए हैं। जिला प्रशासन के मुताबिक के परिजनों को सहायता राशि दी जा सकती है।
दरअसल नाड़ी में डूबने से हुए हादसों की बात करे तो इसमें सबसे बड़ी लापरवाही खेत मालिकों की ही होती है। क्योंकि इसमें सेफ्टी के लिहाज से कोई भी काम नहीं होता है। नहीं तो चारदिवारी पर कोई तारबंदी की जाती है। या फिर पानी से बाहर निकलने के लिए कोई रास्ता निकाला जाता है। ऐसे में जब कोई नाड़ी में डूबता है तो उसे बाहर निकलने का रास्ता तक नहीं मिल पाता है। इसी कारण से उसकी मौत हो जाती है।
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