
यूनिक समय, मथुरा। विकास खंड के जादोपुर गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ में व्यास पीठ से प्रवचन करते हुए भागवताचार्य आचार्य दुर्गेश पाठक ने कहा कि भक्ति मार्ग अपनाकर सत्कर्म करने से आत्मा को जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि यज्ञ और हवन से न केवल वातावरण शुद्ध होता है बल्कि व्यक्ति को आत्मिक बल भी प्राप्त होता है। इससे व्यक्ति में धार्मिक आस्था का विकास होता है और दुर्गुणों की जगह सद्गुणों का उदय होता है।
आचार्य दुर्गेश ने कहा कि यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। श्रीमद्भागवत कथा का मूल उद्देश्य परमात्मा, आत्मा और सृष्टि के विधान को समझाना है। उन्होंने बताया कि कथा श्रवण से व्यक्ति भवसागर से पार हो सकता है और जीवन की सही दिशा पा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान शिक्षाविद् डॉ. जगदीश पाठक एवं सुजीत वर्मा ने श्रीमद्भागवत ग्रंथ का पूजन कर आचार्य दुर्गेश पाठक का सम्मान किया।
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