नेपाल के लोग रविवार सुबह भूकंप (Earthquake) के झटके से सहम गए। भूकंप का केंद्र नेपाल की राजधानी काठमांडू से 147 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित धितुंग था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.5 थी। इसके झटके बिहार में भी महसूस किए गए। भूकंप से नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
बिहार के सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, वैशाली, भागलपुर समेत कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप सुबह 7:58 बजे आया था। काठमांडू समेत नेपाल के कई इलाकों में भूकंप के चलते लोग दहशत में आ गए। हादसे से बचने के लिए लोग घरों से बाहर की ओर भागे।
सोमवार को 4.7 तीव्रता के भूकंप ने मध्य नेपाल को हिलाकर रख दिया था। लोग घर छोड़कर बाहर भागे थे। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के अनुसार रिक्टर पैमाने पर 4.7 तीव्रता का भूकंप सुबह 6.07 बजे आया था। इसका केंद्र काठमांडू के 100 किलोमीटर पूर्व सिंधुपालचौक जिले के हेलम्बू में था। भूकंप काठमांडू घाटी और उसके आसपास महसूस किया गया। हालांकि, तत्काल कोई नुकसान नहीं हुआ। केंद्र ने बताया कि यह भूकंप 2015 के गोरखा भूकंप का आफ्टरशॉक था।
बता दें कि 15 अप्रैल 2015 को आए भूकंप ने नेपाल में तबाही मचाई थी। रिक्टर पैमाने पर उस भूकंप की तीव्रता 7.8 थी। भूकंप का केंद्र काठमांडू और पोखरा शहर के बीच था। इसके चलते 8,964 लोग मारे गए थे और 22,000 लोग घायल हुए थे। इस भूकंप को गोरखा भूकंप के रूप में जाना जाता है। इसने बिहार और उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत के कई राज्यों को हिला दिया था।
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