गिरधारी लाल श्रोत्रिय
यूनिक समय, मथुरा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा विधायक निधि की लाखों रुपए की धनराशि से मानक के अनुरूप एक्सरे मशीन नहीं खरीदना तत्कालीन सीएमओ सहित खरीद टीम के सदस्यों के लिए गले की फांस बन गया है। मंडलायुक्त आगरा मंडल द्वारा उप निदेशक सांख्यिकी द्वारा जांच कराई गई। इसमें तत्कालीन खरीद समिति की अध्यक्ष व सभी सदस्य दोषी पाए गए हैं।
बलदेव विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक पूरन प्रकाश ने अपने क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फरह, बलदेव और पीएचसी राया पर मरीजों की सुविधार्थ डिजिटल एक्सरे मशीन, ऑटोमेटिक सेनेटाइज मशीन व अन्य समान खरीदने के लिए अपनी विधायक निधि से वर्ष 2021-22 में 45 लाख रुपये दिए थे। जब विधायक ने इन केन्द्रों का निरीक्षण किया तो उक्त सामान मानक के अनुरूप नहीं मिला। इस प्रकरण की शिकायत विधायक पूरन प्रकाश ने शासन से की। शासन ने इसकी जांच मंडलायुक्त आगरा मंडल से कराने के निर्देश दिए।
मंडलायुक्त ने इस प्रकरण की जांच उप निदेशक सांख्यिकी से कराई। जिसमें एक्सरे मशीन डिजिटल के बजाए ऑर्डिनरी मशीन मिली। डिजिटल व ऑर्डिनरी एक्सरे मशीन की कीमतों में काफी अंतर था। यह रिपोर्ट उप निदेशक ने मंडलायुक्त को दी। जिस पर मंडलायुक्त ने तत्कालीन सीएमओ रचना गुप्ता सहित खरीद टीम में शामिल कई अधिकारियों को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए शासन को पत्र लिखा। लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। तब विधायक ने इस प्रकरण को विधान सभा में उठाते हुए पूछा कि जब मंडलायुक्त ने उक्त प्ररकण की जांच कराई, तब दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं हुई।
शासन ने अवगत कराया कि सदस्य विधान सभा की विधायक निधि से खरीदी गईे डिजिटल एक्सरे मशीन व अन्य सामान मानक के अनुरूप नहीं होने की जांच आयुक्त, आगरा मण्डल के द्वारा करके शासन को भेजी जा चुकी है। जिसमें तत्कालीन सीएमओ रचना गुप्ता, अन्य अधिकारी व कर्मचारी दोषी पाए गए हैं। इनके विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है।
विधायक पूरन प्रकाश ने बताया कि यह स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही है। मामला एक वर्ष तक लटका रहा। दोषी सीएमओ को बचाया गया। अब शासन से जरूर कार्यवाही होगी। दोषी कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसके विरूद्ध योगी सरकार में अवश्य कार्यवाही होगी।
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