वाराणसी। ये है दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज-एमवी गंगा विला जो आज ‘नदी के सफर’ पर निकल पड़ा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बटन दबाकर इसे रवाना किया।
मोदी ने कही क्रूज को लेकर ये बड़ी बातें…
देश की गौरवशाली विरासत- देश की गौरवशाली विरासत और ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना संजोए ‘गंगा विलास’ पर्यटकों को हमारी समृद्ध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं के साथ-साथ ‘नए भारत’ का भी अवलोकन कराएगा। आज लोहड़ी का उमंग भरा त्योहार है। आने वाले दिनों में हम उत्तरायण, मकर संक्रान्ति, भोगी, बिहू, पोंगल जैसे अनेक पर्व मनाएंगे। मैं देश-दुनिया में इन त्योहारों को मना रहे लोगों को बधाई देता हूं। आज काशी से डिब्रूगढ़ के बीच दुनिया की सबसे बड़ी नदी जल यात्रा ‘गंगा विलास’ क्रूज का शुभारंभ हुआ है। इससे पूर्वी भारत के अनेक पर्यटक स्थल वर्ल्ड टूरिज्म मैप में और प्रमुखता से आने वाले हैं।
नदी जलमार्गों को मनाने के महान पर्व-नदी जलमार्गों को मनाने के महान पर्व के साक्षी बनना हम सभी के लिए प्रसन्नता की बात है। गंगा जी हमारे लिए सिर्फ एक जलधारा भर नहीं हैं, बल्कि प्राचीन काल से इस महान भारत भूमि की तप-तपस्या की साक्षी हैं। भारत की स्थितियां-परिस्थितियां कैसी भी रही हों, मां गंगे ने हमेशा कोटि-कोटि भारतीयों को पोषित किया है। एमवी गंगा विलास उत्तर प्रदेश के वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू करके 51 दिनों में लगभग 3,200 किलोमीटर की यात्रा करके भारत और बांग्लादेश में 27 नदी प्रणालियों को पार करते हुए बांग्लादेश के रास्ते असम के डिब्रूगढ़ तक पहुंचेगा।
PM Shri @narendramodi flags off MV Ganga Vilas cruise and inaugurates Tent City in Varanasi. #LongestRiverCruise https://t.co/D7wsfo3cAz
— BJP (@BJP4India) January 13, 2023
हर चीज को समझने में मददगार-यह क्रूज हर किसी को आध्यात्मिकता को संजोने, पर्यटन का आनंद लेने और भारत में नदियों की व्यवस्था को समझने से लेकर हर चीज का सही अनुभव कराने में मदद करेगा। ये क्रूज 25 अलग-अलग नदियों से होकर गुजरेगा और जो लोग भारत के समृद्ध खान-पान का अनुभव लेना चाहते हैं उनके लिए भी ये बेहतरीन अवसर है। यानी भारत की विरासत और आधुनिकता का अद्भुत संगम हमें इस यात्रा में देखने को मिलेगा।
युवा साथियों को रोजगार-क्रूज़ टूरिज्म का ये नया दौर इस क्षेत्र में हमारे युवा साथियों को रोजगार-स्वरोजगार के नए अवसर देगा। विदेशी पर्यटकों के लिए तो ये आकर्षण होगा ही, देश के भी जो पर्यटक पहले ऐसे अनुभवों के लिए विदेश जाते थे, वो भी अब पूर्वी-उत्तर पूर्वी भारत का रुख कर पाएंगे।
ये क्रूज 25 अलग-अलग नदियों से होकर गुजरेगा और जो लोग भारत के समृद्ध खान-पान का अनुभव लेना चाहते हैं उनके लिए भी ये बेहतरीन अवसर है। यानी भारत की विरासत और आधुनिकता का अद्भुत संगम हमें इस यात्रा में देखने को मिलेगा।
21वीं सदी का ये दशक-21वीं सदी का ये दशक, भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर के कायाकल्प का दशक है। इस दशक में भारत के लोग आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की वो तस्वीर देखने जा रहे हैं, जिसकी कल्पना तक मुश्किल थी। भारत अपने आधुनिक अवतार में एक अत्यधिक विकसित परिवहन प्रणाली के लिए अपनी विरासत की ताकत को प्रज्वलित कर रहा है।
2014 में सिर्फ 5 राष्ट्रीय जलमार्ग भारत में थे, आज 24 राज्यों में 111 राष्ट्रीय जलमार्गों को विकसित करने का काम हो रहा है। इनमें से लगभग दो दर्जन जलमार्गों पर सेवाएं चल रही हैं। गंगा पर बन रहा राष्ट्रीय जलमार्ग पूरे देश के लिए एक मॉडल की तरह विकसित हो रहा है। ये राष्ट्रीय जलमार्ग ट्रांसपोर्ट, ट्रेड और टूरिज्म के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम बन रहा है।
मजबूत कनेक्टिविटी विकसित भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और हम इस पर मिशन मोड में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं सभी पर्यटकों के लिए सुखद यात्रा की कामना करता हूं और आशा करता हूं कि हमारी नदियां और जल शक्ति व्यापार और पर्यटन को बहुत जरूरी बढ़ावा देंगी।
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