
यूनिक समय, मथुरा। शहर में कुत्तों और बंदरों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। जिला अस्पताल में कुत्तों और बंदरों के काटने से घायल होने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। जनवरी और फरवरी के मुकाबले मार्च माह में इस मामले में कुछ कमी आई है, लेकिन फिर भी ओपीडी में करीब 250 से 300 मरीजों का आना जारी है।
फार्मासिस्ट सुनील कुमार के अनुसार, ठंड के मौसम में कुत्तों और बंदरों का आतंक कुछ अधिक बढ़ जाता है। इस माह में हालांकि, बंदरों के काटने के मामले में कमी आई है, लेकिन फिर भी लगभग 75 लोग बंदरों द्वारा काटे जाने पर इंजेक्शन लगवाने के लिए अस्पताल आते हैं। उन्होंने बताया कि गर्मी बढ़ने पर इन जानवरों में आक्रामकता बढ़ जाती है, जिससे काटने के मामलों में भी वृद्धि होती है।
कुत्तों द्वारा काटे गए मरीजों के लिए पागल कुत्ते का काटना होने पर पांच इंजेक्शन और घरेलू कुत्ते के काटने पर चार इंजेक्शन का कोर्स निर्धारित है। चीफ गंगा सिंह ने कहा कि कुत्तों और बंदरों द्वारा काटने को हल्के में न लें और शीघ्र ही टिटनेस का इंजेक्शन लगवाएं। यह खतरे से बचाव के लिए आवश्यक है और इलाज के लिए कहीं भी अस्पताल में जा सकते हैं।
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