लखनऊ. हाईकोर्ट ने फिर एक बार प्रदेश सरकार को कड़े निर्देश देते हुए स्कूलों की गुणवत्ता को सुधारने को कहा है। हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जिन स्कूलों में खेल का मैदान नहीं है, उनको मान्यता और ग्रांट न दी जाए। हाईकोर्ट ने स्कूलों में भवन के मानक भी कड़ाई से लागू कराने के लिए कहा है। हाईकोर्ट, सुप्रीमकोर्ट शिक्षा का अधिकार अधिनियम ने निर्देश देते हुए प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग को पांच माह में स्कूलों को मान्यता और ग्रांट देने पर नियम बनाने का निर्देश दिया है।
नियम लागू होने के बाद ही स्कूलों को दी जाएगी मान्यता
कोर्ट ने कहा कि नियम लागू होने के बाद स्कूलों की मान्यता और ग्रांट पर नए सिरे से विचार किया जाए। कोर्ट ने उन स्कूलों की मान्यता पर फिर से विचार के लिए कहा है जिनकी मान्यता पूर्व में किसी वजह से रद्द की जा चुकी है। जीएस कान्वेंट स्कूल सहित दर्जनों स्कूलों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने दिया।
इन नियमों को हो पालन
याचिकाओं में मांग की गई थी याची स्कूलों की मान्यता संबंधी प्रत्यावेदन के निस्तारण का आदेश दिया जाए। कोर्ट ने सभी याचिकाएं निस्तारित करते हुए सरकार को निर्देश दिए हैं कि स्कूलों की मान्यता को लेकर नियम बनाया जाए, जिसमें उचित आकार का खेल का मैदान, पेड़ लगाने का स्थान आदि शामिल हो।
इस तारीख तक करना होगा पालन
कोर्ट ने कहा कि जिन स्कूलों को बिना खेल मैदान के मान्यता मिल चुकी है, उनको 31 मार्च 2021 तक सभी नियमों का पालन करने की छूट दी जाए। इसके बाद नियमों का पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ सरकार नियमानुसार कार्रवाई करे।
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