नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी 27 और 28 अप्रैल को चीन का दौरा करेंगे। इस दौरान, मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक शिखर वार्ता होगी। खबर है कि इस बातचीत के बाद न तो किसी एग्रीमेंट पर साइन होंगे और न ही साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी। दोनों नेता, द्विपक्षीय संबंधों और वैश्विक मसलों पर बात करेंगे। बता दें कि भारत और चीन के किसी नेता के बीच इस तरह की वार्ता पहले कभी नहीं हुई। इसकी घोषणा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बैठक के बाद की गई।
चीन के उप विदेश मंत्री कोंग शुआनयु ने बताया- “दोनों देश ना ही किसी समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे और ना ही कोई दस्तावेज जारी किया जाएगा। सिर्फ गतिरोध वाले मुद्दों को सुलझाने पर बातचीत होगी।
इस अनौपचारिक शिखर वार्ता में मोदी और जिनपिंग के अलावा दोनों देशों के खास अधिकारी मौजूद रहेंगे।
चीनी राष्ट्रपति की दुनिया के किसी भी नेता से यह पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता बताई जा रही है। दोनों पक्षों के अधिकारी अपने-अपने मीडिया के लिए एक तय फॉरमेट के साथ जानकारी मुहैया कराएंगे।
भारत का कहना है कि सीमा का मसला सबसे संवेदनशील है और आपसी संबंधों में सामान्य स्थिति के लिए पहली शर्त सीमा पर शांति और स्थिरता कायम रखना है। ऐसा कहा जा रहा है कि मोदी इन सब मसलों पर चीनी राष्ट्रपति के साथ दो टूक बात करेंगे और भारत के पक्ष को रखेंगे।
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