भारत सरकार डिजिटल पेमेंट पर शुल्क नहीं लगाने जा रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि केंद्र सरकार का मानना है कि डिजिटल पेमेंट पर शुल्क लगाने का यह सही समय नहीं है।
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि हम देख रहे हैं कि डिजिटल पेमेंट लोगों के लिए अच्छा है। सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण पर काम कर रही है। इसके लिए जरूरी है कि लोग स्वतंत्र रूप से डिजिटल लेनदेन कर सकें। ऐसा होने पर ही हम पारदर्शिता के स्तर को पा सकेंगे। हमारा मानना है कि अभी इसे चार्जेबल बनाने का सही समय नहीं आया है। हम डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दे रहे हैं। उन प्लेटफॉर्म को मजबूत कर रहे हैं, जिससे लोग आसानी से डिजिटल पेमेंट कर सकें।
दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यूपीआई के माध्यम से किए जाने वाले पैसे के लेनदेन पर शुल्क लगाने और डिजिटल पेमेंट से जुड़े अन्य मुद्दों पर जनता से प्रतिक्रिया मांगने का प्रस्ताव दिया है। इसके बाद से कहा जा रहा है कि सरकार डिजिटल पेमेंट पर शुल्क लगाने वाली है। वित्त मंत्री ने बयान देकर इन अटकलों पर विराम लगा दिया है। भारत सरकार ने पिछले सप्ताह घोषणा किया था कि वह UPI सेवा पर कोई चार्ज नहीं लगाने जा रही है।
गौरतलब है कि भारत में डिजिटल ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़ रहा है। शहर से लेकर गांव-गांव तक लोग सामान खरीदने से लेकर अन्य कामों के लिए डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं। जुलाई में देशभर में डिजिटल ट्रांजेक्शन 2016 के बाद से सबसे अधिक हुआ। यूपीआई की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई में 6.28 बिलियन ट्रांजेक्शन हुए। लोगों ने 10.62 ट्रिलियन रुपए का लेनदेने किया।
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