Karnataka Crisis: ये पांच बागी विधायक पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, बढ़ा विधानसभा अध्‍यक्ष पर दबाव

Karnataka political Crisis कर्नाटक में जारी सियासी संकट के बीच कांग्रेस के पांच और बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इससे विधानसभा अध्‍यक्ष पर दबाव और बढ़ गया है।

बेंगलुरु/मुंबई।  कर्नाटक में जारी सियासी संकट के बीच कांग्रेस के पांच और बागी विधायकों ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। इन बागी विधायकों का कहना है कि उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया है। अब उनके इस्तीफे को विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार (Assembly Speaker KR Ramesh Kumar) द्वारा स्वीकार कर लिया जाना चाहिए। बागी विधायकों के इस रुख से विधानसभा अध्‍यक्ष पर दबाव और बढ़ गया है। वहीं, मुंबई के होटल में रह रहे कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायक शनिवार को विशेष विमान से शिरडी पहुंचे और साई बाबा का दर्शन किया।

येदियुरप्‍पा बोले, अविश्‍वास प्रस्‍ताव के लिए तैयार 

कांग्रेस के आनंद सिंह (Anand Singh), के सुधाकर (K Sudhakar), एन नागार्जुन (N Nagaraju), मुनिरत्ना (Munirathna) और रोशन बेग (Roshan Baig) ने अपनी याचिका में सर्वोच्‍च न्‍यायालय से मांग की है कि वह विधानसभा अध्‍यक्ष को निर्देश दे कि वह विधायकों को अयोग्‍य नहीं बताएं और उनका इस्‍तीफा स्‍वीकार करें। विधायकों ने यह भी दावा किया कि इस्तीफा देने पर उनके खिलाफ कोई अयोग्यता की कार्यवाही नहीं हुई थी। वहीं भाजपा नेता बीएस येदियुरप्‍पा ने कहा कि हम अविश्‍वास प्रस्‍ताव के लिए तैयार हैं। हम इस बारे में सोमवार तक प्रतीक्षा करेंगे।

 

बागियों को मनाने की कोशिशें तेज

इस बीच, कांग्रेस ने बागियों को मनाने की कोशिशें भी तेज कर दी हैं। शनिवार को कांग्रेस के बागी विधायक एमटीबी नागराज सिद्दारमैया से मिलने उनके घर पहुंचे। इस दौरान कांग्रेस विधायक जमीर खान भी मौजूद थे। नागराज ने कांग्रेस के संकटमोचक डीके शिवकुमार से मुलाकात की। वहीं बेंगलुरु के रामाडा होटल (Ramada hotel) में बीएस येदियुरप्‍पा ने भाजपा विधायकों के साथ एक बैठक की। दूसरी ओर निर्दलीय विधायकों आर शंकर और एच नागेश ने विधानसभा अध्‍यक्ष को पत्र लिखकर विधानसभा में विपक्ष में बैठने का बंदोबस्‍त करने की मांग की। बता दें कि ये दोनों विधायक मौजूदा गठबंधन सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा कर चुके हैं।

स्पीकर के समक्ष सुनवाई के लिए नहीं पहुंचे बागी विधायक 

कांग्रेस-जदएस के तीन बागी विधायक नारायण गौड़ा (जदएस), आनंद सिंह (कांग्रेस) और प्रताप गौड़ा पाटिल (कांग्रेस) निजी सुनवाई के लिए शुक्रवार को स्पीकर के समक्ष पेश नहीं हुए। स्पीकर ने उन्हें शाम तीन से चार बजे के बीच अपने कार्यालय में बुलाया था। विधानसभा में भाजपा की रणनीति के बारे में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीएस येद्दयुरप्पा ने कहा कि इसका फैसला विश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने के दौरान सीएम के भाषण के आधार पर होगा।

कुमारस्वामी ने बहुमत साबित करने का किया अनुरोध 
विधानसभा का 10 दिवसीय मानसून सत्र शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने शुक्रवार को भाजपा को चौंकाते हुए स्पीकर केआर रमेश कुमार से कहा कि मैं यह साबित करने के लिए विश्वास मत का सामना करने के लिए तैयार हूं। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि सदन में प्रस्ताव पेश करने के लिए आप तारीख और समय तय कर दें। मैं यह फैसला आप पर छोड़ता हूं कि मुङो विश्वास मत हासिल करना चाहिए या अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने के दिए निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने 10 बागी विधायकों के इस्तीफे और अयोग्यता के मामले में मंगलवार तक यथास्थिति कायम रखने के आदेश दिए हैं। यानी इस बीच स्पीकर विधायकों के इस्तीफे और अयोग्यता के लंबित मामले पर कोई फैसला नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट मामले पर मंगलवार को फिर सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, दीपक गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की पीठ ने शुक्रवार को कर्नाटक के बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई के बाद उपरोक्त आदेश दिए।

सिद्दरमैया को भरोसा, हासिल कर लेंगे विश्वास मत
स्पीकर रमेश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अब मुख्यमंत्री उनसे कहेंगे कि वह विश्वास प्रस्ताव पेश करना चाहते हैं, अगले ही दिन वह उसे कार्यसूची में शामिल कर देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्दरमैया ने भरोसा जताया कि कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लेगी। उन्होंने कहा, ‘हमें भरोसा है इसीलिए विश्वास प्रस्ताव पेश कर रहे हैं। भाजपा डरी है क्योंकि वह जानती है कि उनकी पार्टी में कई ब्लैक शीप हैं।’

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