नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान करके राजनीति में एक नया भूचाल ला दिया है। गुरुनानक देवजी की 552वीं जयंती आज यानी 19 नवंबर को जैसे ही मोदी ने कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया, किसान आंदोलन सोशल मीडिया पर ट्रेंड पकड़ गया। twitter पर अब मोदी समर्थकों, कृषि कानूनों को सही ठहराने वाले और किसान आंदोलन का विरोध करते आ रहे लोग निशाने पर आ गए हैं। फिल्म और अन्य सेलिब्रिटीज के फोटो को लेकर मीम्स(Memes) सामने आ रहे हैं। आइए देखते हैं twitter पर वायरल हो रहे कुछ मीम्स और जानते हैं कृषि कानूनों से जुड़ीं कुछ बातें…
अगले साल पांच राज्यों- यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में चुनाव के ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान करके देश की पूरी राजनीति की धारा मोड़ दी है। हालांकि अभी सोशल मीडिया पर भाजपा और उसके समर्थक निशाने पर आ गए हैं।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कमेटी बनाने और बिजली अमेंडमेंट समेत अन्य मुद्दों पर अभी बात होनी बाकी है। टिकैत ने tweet किया-आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा। हम उन दिन का इंतजार करेंगे, जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा।
हालांकि एक्सपर्ट का विश्लेषण का मानना है कि यूपी चुनाव से ठीक पहले तीन कृषि कानूनों वापस लेने के निर्णय का पूरा फायदा सिर्फ BJP को होगा। यूपी की एक चौथाई सीटों पर किसान ही चुनावी नतीजे तय करते हैं। पंजाब में भी पार्टी को अमरिंदर का साथ मिल सकता है।
किसान संगठनों का मानना है कि किसान आंदोलन में 700 किसानों की मौत हुई। अरबों रुपए का नुकसान हुआ। मोदी सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। हालांकि पीएम मोदी के ऐलान के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने खुशी जताई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि सरकार ने किसानों को उचित दरों पर बीज उपलब्ध कराने और सूक्ष्म सिंचाई, 22 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम किया। ऐसे कारकों ने कृषि उत्पादन में वृद्धि में योगदान दिया है।
बता दें कि केंद्र ने जून 2020 के पहले सप्ताह में तीन अध्यादेशों (या अस्थायी कानूनों) को तैयार किया था, जो कृषि उपज, उनकी बिक्री, जमाखोरी, कृषि विपणन और अनुबंध कृषि सुधारों के साथ अन्य चीजों से संबंधित थे।
कृषि बिल 15 और 18 सितंबर 2020 को लोकसभा द्वारा पारित किया गया। बाद में 20 राज्यसभा ने भी 22 सितंबर तक तीन विधेयकों को पारित कर दिया। राष्ट्रपति ने 28 सितंबर को विधेयकों पर हस्ताक्षर करके अपनी सहमति दी।
कृषि कानून निरस्त करने की घोषणा के साथ पीएम मोदी ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में थे, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद हम किसानों के एक वर्ग को नहीं समझा सके।
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