फरीदाबाद : विधानसभा चुनावों में बहुमत से 6 सीटें दूर रही भाजपा मंत्रिमंडल गठन को लेकर संघर्ष से जूझ रही है। भाजपा के सामने जहां जजपा व निर्दलीयों को संतुष्ट करना एक चुनौती है वहीं भाजपा के अपनी ही पार्टी के नेता भी अब भाजपा के लिए परेशानी बन गए हैं। भाजपा किसी भी सूरत में सबको साध कर चलने की रणनीति बना रही है। फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र की 9 सीटों में से 7 सीटों पर भाजपा ने कब्जा किया है।
भाजपा पलवल जिले की 3 व फरीदाबाद जिले की 4 सीटों पर जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंची है। संसदीय क्षेत्र की 9 सीटों में से जहां 7 भाजपा के पास हैं वहीं एक सीट पर कांग्रेस और एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। एनआईटी विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा व पृथला विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी नयनपाल रावत के अलावा अन्य सभी विधायक भाजपा के हैं। भाजपा के 7 में से 5 विधायकों को जहां नए मंत्रिमंडल में स्थान मिलने का इंतजार है वहीं पृथला विधानसभा क्षेत्र के विधायक नयनपाल रावत भी मंत्रिमंडल में स्थान पाने के इंतजार में हैं।
भाजपा के सभी पांचों विधायकों व निर्दलीय विधायक के मंत्रिमंडल में जाने के अपने-अपने कारण हैं। निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत भाजपा की अल्पमत सरकार का न केवल सहारा हैं बल्कि मुख्यमंत्री व अन्य भाजपा नेताओं का मन भी जीत चुके हैं। इसके साथ-साथ वे राजपूत समाज का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। नयनपाल रावत को मंत्री बनाने से भाजपा दोनों जिले फरीदाबाद व पलवल को भी साधने का प्रयास करेगी क्योंकि जिस विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, उस पृथला विधानसभा क्षेत्र में आधा जिला फरीदाबाद जिले का बल्कि आधा हिस्सा पलवल जिले का है। इसके अलावा जीतने के बाद सरकार का समर्थन करने वालों में नयनपाल सबसे पहले विधायक थे।
इसके अलावा बडख़ल विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक बनीं सीमा त्रिखा जहां महिला होने के कारण मंत्री पद की दौड़ में हैं वहीं भाजपा उन्हें पंजाबी चेहरे रूप में भी इस्तेमाल कर सकती है। हालांकि वे एक ब्राह्माण परिवार की विवाहिता हैं। उधर, राजेश नागर अमित शाह के उस बयान पर मंत्री बनने की उम्मीद हैं जिसमें अमित शाह ने चुनाव से पूर्व उन्हें जीतने के बाद बड़ा नेता बनाने का वादा किया था। फरीदाबाद विधानसभा सीट से पहली बार जीत दर्ज करने वाले भाजपा काडर के मजबूत, निष्ठावान नेता व प्रदेश भाजपा के कोषाध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता को उम्मीद है कि पहले उनकी सीट पर विपुल गोयल कैबिनेट मंत्री थे इसलिए अब सरकार उन्हें भी किसी न किसी रूप में मंत्रिमंडल में शामिल करेगी।
बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज करने वाले भाजपा विधायक मूलचंद शर्मा अब राम बिलास शर्मा के हारने के बाद बड़े ब्राह्मण नेता के रूप में देखे जा रहे हैं और उन्होंने लगातार दूसरी बार बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। इसलिए वे भी अपने मंत्री पद को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री के करीबी व भाजपा के पहले कार्यकाल में मुख्यमंत्री के ओएसडी रहे दीपक मंगला पलवल से इस बार विधायक चुने गए हैं। उन्हें भी मंत्रिमंडल में स्थान मिलने का इंतजार है। भाजपा में मंत्रिपद सीमित हैं और पाने वालों की संख्या बढ़ चुकी है। ऐसे में सरकार के सामने एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति बन गई है। देखने वाली बात यह होगी कि भाजपा क्षेत्र व जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए किन चेहरों को मंत्रिमंडल में स्थान देती है।
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