महावीर स्वामी के ये अनमोल विचार, सादगीपूर्ण जीवन जीने को करते हैं प्रेरित

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3 अप्रैल को महावीर स्वामी की जयंती मनाई जा रही है। महावीर स्वामी ने जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत सत्य ,अहिंसा, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) और ब्रह्मचर्य बताए थे। हम आपको बताते हैं महावीर जी के 10 अनमोल विचार जिनसे हम सभी को प्रेरणा मिलती है.

किसी आत्मा की सबसे बड़ी गलती है कि अपना असली रूप को ना पहचनना और यह गलती केवल आत्मज्ञान प्राप्त करके ही ठीक की जा सकती हैं

ईश्वर का कोई अलग अस्तित्व नहीं है। सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास करने से हर कोई देवत्व को प्राप्त कर सकता है

हर आत्मा स्वतंत्र है। कोई भी दूसरे पर निर्भर नहीं करता है

स्वयं से लड़ो, बाहर दुश्मन से क्या लड़ना। वह जो स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेता है उसे आनंद की प्राप्ति होती है

एक लाख शत्रुओं पर जीत हासिल करने के बजाय स्वयं पर विजय प्राप्त करना बेहतर है

जिसने भय को पार कर लिया है, वह समभाव का अनुभव कर सकता है

शांति और आत्मनियंत्रण ही सही मायने में अहिंसा है

मन, वाणी और शरीर से संपूर्ण संयम में रहने का सार ही ब्रह्मचर्य है

अगर आपके मन के अंदर किसी एक के लिए भी बैर है तो मंदिर जाना आपके लिए सिर्फ एक सैर है

कर्म के पास ना कोई कागज है और ना ही कोई किताब है। फिर भी उसके पास सारे जगत का हिसाब है

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