
यूनिक समय, नई दिल्ली। हनुमान जन्मोत्सव वर्ष 2025 में कल शनिवार को मनाया जाएगा। यह तिथि चैत्र पूर्णिमा को आती है, जिसे पवनपुत्र हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व शनिवार को पड़ रहा है और खास बात यह है कि इस दिन मीन राशि में पंचग्रही योग भी बन रहा है। यह संयोग अत्यंत शुभ फलदायक माना गया है। ऐसे में हनुमान जी की विधिवत पूजा के साथ कुछ विशेष उपाय करने से शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और अन्य कष्टों से राहत मिल सकती है।
धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि हनुमान जी के उपासकों पर शनि देव की कुदृष्टि का असर नहीं होता। यही कारण है कि शनि से जुड़े कष्टों को दूर करने के लिए हनुमान जी की पूजा को श्रेष्ठ माना जाता है। विशेषकर जब हनुमान जयंती शनिवार को पड़े, तब इसके प्रभाव और भी बढ़ जाते हैं।
हनुमान जन्मोत्सव पर करें ये सरल और प्रभावशाली उपाय
- शनिदोष से मुक्ति के लिए पाठ- हनुमान मंदिर में जाकर चमेली के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद हनुमान जी को गुड़ का भोग लगाएं और 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे न केवल शनिदोष शांत होता है, बल्कि करियर और व्यापार में भी सफलता के रास्ते खुलते हैं।
- पारिवारिक कलह से छुटकारा- यदि आपके घर में अक्सर विवाद होते हैं, तो सरसों के तेल में थोड़ी सी सिंदूर मिलाकर हर दरवाजे पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं। यह उपाय घर में शांति और समृद्धि लाने में सहायक होता है।
- आर्थिक समस्याओं के लिए उपाय- एक सफेद कागज पर स्वास्तिक का निशान बनाएं और उसे अपनी तिजोरी में रखें। श्रद्धा से किया गया यह छोटा-सा उपाय आपके जीवन में धन-संपन्नता लाने में मदद कर सकता है।
- अटके हुए कार्यों में सफलता- यदि आपके कार्य बार-बार विफल हो रहे हैं, तो हनुमान जयंती की सुबह स्नान करके मंदिर जाकर सुंदरकांड का पाठ करें। इससे कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
- मनोकामना पूर्ति के लिए राम नाम का जाप- हनुमान जी को श्रीराम के परम भक्त कहा जाता है। इस दिन एक शांत स्थान पर बैठकर कम से कम 1008 बार “राम” नाम का जप करें। यह सबसे सशक्त और सिद्ध उपाय है, जो आपके जीवन की अनेक समस्याओं को समाप्त कर सकता है।
हनुमान जन्मोत्सव न केवल भक्ति और आस्था का पर्व है, बल्कि यह जीवन की कठिनाइयों को दूर करने का भी एक श्रेष्ठ अवसर है। यदि इन उपायों को श्रद्धा और नियमपूर्वक किया जाए, तो न केवल शनि से जुड़े दोषों का निवारण होता है, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी बनी रहती है।
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