हाथियों का ये झुंड शाम होते ही हिंसक हो जाता है, ग्रामीणों में फैली दहशत, जानिए क्या है वजह

पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया वन क्षेत्र में इन दिनों करीब 150 हाथियों के झुंड ने उत्पात मचा रखा है। हाथी रोजाना या तो किसी की जान ले रहे हैं या खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। घर और मिल-कारखानों को भी हाथियों का झुंड क्षति पहुंचा रहा है। पिछले चार साल में (2018 से 2022 अबतक) चाकुलिया वन क्षेत्र में 18 लोगों की जान हाथियों का झुंड ले चुका है। जबकि कई गांवों में खेतों को नुकसान पहुंचाया है। इतना कि नहीं ग्रामीण इलाकों में उत्पात मचाने के बाद हाथी अब शहरी इलाकों का रुख कर चुके हैं। चाकुलिया के शहरी इलाकों में भी गजराज मिल-कारखानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हाथियों के उत्पात से लोग काफी परेशान हैं। वन विभाग भी हाथियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में नाकाम साबित हो रहा है। एक दूसरे राज्यों में हाथियों को खदेड़ तीनों राज्यों के वन विभाग के अधिकारी अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

दरअसल, हाथी भी खदेड़ा-खदेड़ी परेशान हैं। कभी पश्चिम बंगाल के लोग हाथियों को झारखंड में खदेड़ कर भगा रहे तो कभी झारखंड के लोगों द्वारा हाथियों को ओडिशा राज्य में खदेड़ रहे हैं। इससे हाथी भी काफी परेशान है। हाथियों को भगाने के लिए वन विभाग और ग्रामीण पटाखे, मशाल का सहारा ले रहे हैं। नतीजा यह है कि गुस्से में हाथियों ने अब लोगों को नुकसान पहुंचाना शुरु कर दिया है। एक तरह से मानें तो क्षेत्र में हाथी अब साक्षात यमराज बनकर घूम रहे हैं। हाथी कब किसकी जान ले लें ये बताना मुश्किल है।

अलग-अलग झुंड बनाकर जिले के चाकुलिया, बहरागोड़ा, गुड़ाबांधा, घाटशिला, धालभूमगढ़ प्रखंड में हाथी घूम रहे हैं। हाथी दिन में तो जंगलों में रह रहे हैं, लेकिन शाम होते ही हाथियों का झुंड गांवों में प्रवेश कर रहा है। हाथियों के भय से कई जगहों पर ग्रामीण रतजगा कर रहे हैं। विभिन्न गांवों में वन विभाग की टीम भी मुस्तैद रह रही है। फिल्हाल हाथी कभी झारखंड से ओड़िशा में खदेड़े जा रहे हैं तो कभी ओड़िसा के लोग हाथियों को झारखंड में खदेड़ रहे हैं।

करीब 20 दिनों पूर्व पश्चिम बंगाल से करीब 100 हाथियों का झुंड झारखंड के चाकुलिया वन क्षेत्र में प्रवेश किया था। जबकि इलाके में पहले से ही 50 हाथियों का झुंड विचरण कर रहा था। यहां काफी दिनों तक हाथियों ने उत्पात मचाया। जिसके बाद हाथियों को गुड़ाबांधा के रास्ते ओड़िशा में खदेड़ा गया था। लेकिन अब हाथियों को ओड़िशा के लोगों ने वापस से झारखंड में प्रवेश करवा दिया है। हाथी फिलहाल ओडिशा से सटे बहरागोड़ा में उत्पात मचा रहे हैं। जबकि एक झुंड ने चाकुलिया में उत्पात मचा रखा है। इलाके में विचरण कर रहे हाथियों के झुंड में कई दंतैल हाथी भी शामिल है। जबकि झुंड में शिशु हाथियों को भी देखा गया है। हाथियों को देखने के लिए लोग हाईटेंशन टावर का सहारा ले रहे हैं।

चार साल में हाथियों के हमले में मारे गए लोगों में कई महिलाएं भी शामिल हैं। इनमें ज्यादा वो लोग शामिल हैं जो जंगल मे या तो पत्ता चुनने जाते है या मवेशियों को चराने। 2 मई 2018 को बहरागोड़ा के गोहलामुड़ा गांव की महिला आशा लता दास , 3 मई 2018 को चाकुलिया के पूर्णापानी गांव के धर्मा मांडी, 15 जून 2018 को घाटशिला के बांधडीह के श्यामल पाल, 22 अगस्त 2019 को बड़शोल के कुटशोल के चुनाराम सबर , एक सितंबर 2019 को चाकुलिया के मौरबेड़ा के रेंटा हांसदा , 12 अक्टूबर 2019 को चाकुलिया के कमारीगोड़ा के संजय भारती, 31 जनवरी 2020 चाकुलिया के बनकांटी के पिकलु सबर , तीन फरवरी 2020 को चाकुलिया के बनकांटी की महिला कल्याणी सबर और दिशा सबर, 2 मार्च 2020 को चाकुलिया के घागरा के सहदेव सिंह, 17 अप्रैल 2020 को बड़शोल के सालदोहा के मानिक किस्कू, 13 अगस्त 2020 को चाकुलिया के मौरबेड़ा के राम मुर्मू, 25 अगस्त 2020 को घाटशिला के बरडीह के पवित्र पातर , 10 सितंबर 2020 को श्यामसुंदरपुर के रांगामाटिया के लोविन गोप,12 अगस्त 2021 को चाकुलिया के जामुआ के पिथो मुंडा ,11 अक्टूबर 2021 को चाकुलिया के घाघरा के गंगाधर सिंह, 15 फरवरी 2022 की रात इंदबनी गांव के युवक गोपाल महतो और 19 जून 2022 की रात संतोष मुंडा को हाथी मौत के घाट उतार चुके हैं। जबकि चाकुलिया नगर पंचायत क्षेत्र में स्थापित कृष्णा शॉप फैक्ट्री, बजरंग उद्योग, बालाजी शॉप फैक्ट्री, रूंगटा शॉप फैक्ट्री, बाबा शॉप फैक्ट्री में घूम उत्पात मचा रहे है। इन मिल-कारखानों को हाथियों ने काफी क्षति पहुंचाई है।

 

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