गुजरात का पालीताना शहर कई कारणों से महवत्पूर्ण माना जाता है। भावनगर से 50 किलोमीटर दूर पालिताना केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का पहला शाकाहारी शहर है। इसे जैनियों का प्रमुख तीर्थस्थल कहा जाता है।
भारत अपनी संस्कृति और सभ्यता को लेकर ही विश्वभर में प्रसिद्ध है। विशेषकर सनातन हिंदू धर्म से जुड़ी परंपराएं भारत को खास बनाती है। फिलहाल हम बात कर रहे हैं गुजरात के पालीताना शहर की। गुजरात का पालीताना केवल भारत ही नहीं बल्कि अपनी खासियत को लेकर विश्वभर में प्रसिद्ध है। क्योंकि पालीताना को शाकाहारी शहर भी कहा जाता है। यह विश्व का पहला ऐसा शहर है जो पूरी तरह के शाकाहारी है। यहां जीव हत्या वर्जित है और मांसाहार भोजन की बिक्री पर भी रोक है। यह भले ही छोटा शहर है लेकिन अपनी खासियत के कारण इसे केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में भी जाना जाता है। इस शहर को बौद्ध धर्म की आस्था का है प्रमुख केंद्र माना जाता है। यहां एक ही पर्वत पर करीब 900 मंदिर भी हैं। दुनियाभर से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
पालीताना के शाकाहारी शहर बनने की कहानी
पालीताना शहर के शाकाहारी शहर बनने के पीछे रोचक कहानी है। दरअसल, साल 2014 में सरकार द्वारा इस क्षेत्र में पशु हत्या पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया। इसके बाद से ही यहां जीव हत्या वर्जित है। हालांकि यह सब इतनी आसानी से नहीं हुआ। पालीताना में बड़ी संख्या में जैन धर्म के अनुयायी रहते हैं। वे लंबे समय से सरकार से यहां मांसहार की बिक्री और पशु हत्या पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे। इसके लिए लगभग 200 साधु-संतों ने भूख हड़ताल की। साधु-संतों ने कहा कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे सभी देह त्याग करेंगे। इसके बाद 2014 में इस शहर में सरकार द्वारा पशु हत्या और मांस की बिक्री पर रोक लगा दी गई। इसके बाद ही गुजरात का पालीताना शहर विश्व का पहला शाकाहारी शहर बन गया।
पालीताना में बहुल संख्या में है मंदिर
गुजरात के भावनगर से लगभग 50 किलोमीट की दूरी और दक्षिण पक्षिम में स्थित पालीताना शहर में सैंकड़ों मंदिर हैं। इसे जैन धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल कहा जाता है। मान्यता है कि जैन तीर्थकार आदिनाथ पालीताना की पहाड़ियों में चढ़े थे और तब से ही उनके अनुयायियों के लिए यह महत्वपूर्ण स्थल बन गया।
इन कारणों से भी मशहूर है पालीताना
पालीताना शहर भले ही छोटा सा शहर है लेकिन इस शहर के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज है। यह ऐसा शहर है जिसकी एक पर्वत में 900 से अधिक मंदिर हैं, जोकि दुनियाभर में रिकॉर्ड है। जैन समुदाय का सबसे पवित्र तीर्थस्थल होने के साथ ही इसे दुनिया का सबसे विशाल मंदिर परिसर भी माना जाता है।
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