चित्तौडग़ढ़. नगर परिषद चुनाव में दाखिल नामांकन पत्रों की जांच के दौरान बुधवार को उस समय भाजपा नेताओं व कुछ प्रत्याशियों की धड़कने बढ़ गई जब कांग्रेस प्रत्याशी ने रिटर्निंग अधिकारी(आरओ) तेजस्वी राणा के समक्ष आपत्तियां पेश करते हुए नामांकन पत्र खारिज कर देने की मांग कर दी। एक वार्ड में तो मामला इतना पेचिदा हो गया कि भाजपा को आरओ के समक्ष अपनी बात रखने के लिए शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व विधायक कैलाश झंवर की सहायता लेनी पड़ी। वार्ड १०, ११ एवं ५२ में पेश भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों पर रिटर्निंग अधिकारी राणा के समक्ष कांग्रेस प्रत्याशियों ने आपत्तियां करते हुए उनको खारिज करने की मांग उठाई। राणा ने सभी पक्षों की सुनवाई के बाद वार्ड १० से भाजपा प्रत्याशी भोलाराम प्रजापत का नामांकन पत्र खारिज कर दिया लेकिन वार्ड ११ में भाजपा प्रत्याशी मीनू कंवर एवं वार्ड ५२ में भाजपा प्रत्याशी मोहम्मद इब्राहिम के आवेदन को लेकर कांग्रेस की आपत्तियों को खारिज कर नामांकन पत्र मान्य घोषित किया। जांच में कुल 74 नामांकन पत्र खारिज किए गए।
सुबह १०.३० बजे से करीब पांच घंटे तक चले जांच कार्य के दौरान प्रत्येक वार्ड के प्रत्याशी को बुला उसकी मौजूदगी में नामांकन पत्र की जांच हुई। जांच के दौरान कांग्रेस की ओर से सभापति संदीप शर्मा एवं भाजपा की ओर से पूर्व सभापति सुशील शर्मा पूरे समय आरओ कक्ष में मौजूद रहे। चुनाव लड़ रहे भाजपा नगर अध्यक्ष नरेन्द्र पोखरना, पूर्व यूआईटी अध्यक्ष सुरेश झंवर, चित्तौडग़ढ़ पंचायत समिति प्रधान प्रवीणसिंह राठौड़ सहित कई भाजपा नेता प्रत्याशियों की सहायता के लिए मौजूद रहे। कांग्रेस में भी जिलाध्यक्ष मांगीलाल धाकड़, पूर्व सभापति रमेशनाथ योगी आदि वहां निरन्तर सक्रिय दिखे। नामांकन पत्रों की जांच के बाद अब चुनाव मैदान में रह गए प्रत्याश्ी गुरूवार व शुक्रवार को सुबह १०.३० से दोपहर ३ बजे तक की अवधि में नाम वापस ले सकते है। इसके बाद ९ नवंबर को चुनाव चिह्न आवंटित कर दिए जाएंगे।
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पिता का पर्चा खारिज होते ही पुत्र हो गया प्रत्याशी
वार्ड १० में भाजपा प्रत्यााशी भोलाराम प्रजापत का नामांकन खारिज होते ही भाजपा ने डमी प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल कर चुके उनके पुत्र राहुल प्रजापत को प्रत्याशी घोषित कर दिया। माना जा रहा था कि भोलाराम के मामले में पार्टी को पहले ही आशंका थी कि नामांकन पत्र खारिज हो सकता इसलिए उनके पुत्र को डमी प्रत्याशी के रूप में नामांकन भराया गया था। भोलाराम व वहां मौजूद भाजपा नेताओं ने पुत्र का माला पहनाकर स्वागत किया।
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कांग्रेस ने क्या की आपत्तियां और क्या हुआ परिणाम
वार्ड-10
कांग्रेस की आपत्ति: वर्ष २००८ में दर्ज आपराधिक मामले में आरोप विरचित चुका है। इस मामले में पांच वर्ष या उससे अधिक की सजा का प्रावधान है। इस आधार पर नामांकन खारिज होना चाहिए।
भाजपा का पक्ष: कानूनी मामला होने से भाजपा ने इस मामले में ज्यादा तर्क नहीं दिए लेकिन प्रत्याशी भोलाराम ने इसे साजिश बताया।
परिणाम: आरओ ने चुनाव लडऩे के लिए प्रावधानों के आधार पर भाजपा प्रत्याशी का पर्चा खारिज होने योग्य माना।
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वार्ड-11
कांग्रेस की आपत्ति:वार्ड की भाजपा प्रत्याशी मीनूकंवर का नाम गांव की मतदाता सूची में भी है एवं ग्रामदान ग्रामसभा भील्याखेड़ा की अध्यक्ष भी वेे अभी निर्वाचित हुई है जो लाभ का पद है इस कारण पर्चा खारिज होना चाहिए।
भाजपा का पक्ष: मीनूकंवर किसी लाभ के पद पर मौजूद नहीं है एवं ग्रामदान ग्रामसभा का अध्यक्ष पद इस श्रेणी में नहीं आता है। वे गांव में नहीं रहकर शहर में ही निवास कर रही है एवं उसका नाम यहां की मतदाता सूची में मौजूद है।
परिणाम: नियमों के अध्ययन व सभी जानकारियां जुटानेे के बार आरओ ने ग्रामदान ग्रामसभा अध्यक्ष पद लाभ का नहीं माना। शहर की मतदाता सूची में नाम होने से चुनाव लडऩे के लिए पात्र माना।
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वार्ड:52
कांग्रेस की आपत्ति: भाजपा प्रत्याशी मोहम्मद इब्राहिम के वर्ष १९९५ के बाद तीसरी संतान हुई है। इस बात को छुपाने के लिए दस्तावेजों में कांट-छांट कर पेश किया गया है।
भाजपा का पक्ष: संयुक्त परिवार होने से गलती से नाम लिखा गया था जिसे सुधरवा भी दिया गया था। तय अवधि के बाद तीसरी संतान नहीं।
परिणाम: दस्तावेजों की पड़ताल के बाद कांग्रेस की शिकायत प्रमाणित होना नहीं मान नामांकन पत्र पात्र माना।
बदलता रहा मीनू के चेहरे का रंग
भजपा प्रत्याशी मीनूकंवर को पूरा विश्वास था कि वे सही है लेकिन सोशल मीडिया पर नामांकन पत्र पर आपत्तियों वाले समाचार वायरल होते ही उनके चेहरे का रंग बदलने लगा। दोपहर में जब नामांकन खारिज होने की अटकलो ने बल पकड़ा तो वे तनाव में दिखी लेकिन लंबी बहस व जद्दोजहद के बाद जब नामांकन पत्र पात्र माना गया तो चेहरा खुशी से खिल गया। वे कांग्रेस जिलाध्यक्ष मांगीलाल धाकड़ से आशीर्वाद लेने पहुंच गई और सभापति संदीप शर्र्मा से भी मिली।
तनाव में आए भाजपा नेता व कार्यकर्ता
भाजपा नेता सबसे अधिक तनाव में वार्ड ११ को लेकर आई आपत्ति के कारण दिखे। इसका सबसे बड़ा कारण इस वार्ड में कोई अन्य प्रत्याशी मौजूद नहीं होना था। ऐसे में चिंता सताने लगी कि मीनूकंवर का नामांकन खारिज होने पर उस वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी मांगीदेवी निर्विरोध निर्वाचित होने पर बिना चुनाव ही एक वार्ड हाथ से जा चुका होगा। कई नेता व कार्यकर्ता वार्ड में किसी को डमी प्रत्याशी खड़ा नहीं करने पर भी अफसोस जताते दिखे।
उत्साह में आकर आतिशबाजी तक होने लगी
वार्ड-११ में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ आपत्तियों का मामला पेचिदा हुआ तो कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को अपने प्रत्याशी की निर्विरोध निर्वाचन की उम्मीद जग गई। ऐसे उत्साही कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट के बाहर आतिशबाजी करने में भी संकोच नहीं किया।
नामांकन खारिज करने को बताया साजिश
वार्ड संख्या 10 से अपने नामांकन को खारिज किए जाने को लेकर पूर्व पार्षद भोलाराम प्रजापत ने इसे साजिश बताया। उन्होंने आरोप लगाया जिस मामले को लेकर उनका नामांकन खारिज किया गया है वह भी एक साजिश के तहत था और उन्हें इस मामले में जबरन घसीटा गया था। उन्होंने कहा कि नामांकन खारिज किए जाने के बावजूद वे अपने क्षेत्र में सक्रिय रहेंगे।
निर्दलीय नहीं होने से 27 वार्डो में होगी सीधी टक्कर
नाम वापसी का कार्य होने से पहले ही नगर परिषद चुनाव में इस बार करीब आध वार्डो में कांग्रेस व भाजपा प्रत्याशियों में सीधी टक्कर की स्थिति बन गई है। यहां तीसरे प्रत्याशी के रूप में ईवीएम में केवल नोटा का विकल्प होगा। सीधी टक्कर वाले इन वार्डो में वार्ड संख्या २, ५,७,९,११,१३,१४,१५,१७, १८,१९,२०,२१,२४,२५, ३१, ३५, ३८, ३९,४२,४३,४५,४६,५०,५२,५७ एवं ५८ शामिल है।
त्रिकोणीय संघर्ष में उलझे शहर के कई वार्ड
नगर परिषद के करीब १८ वार्डो में त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति है लेकिन नाम वापसी प्रक्रिया पूर्ण होने पर इनमें से कई वार्डो में भी सीधी टक्कर की स्थिति आ सकती है। त्रिकोणीय संघर्ष वाले वार्ड में वार्ड संख्या १०,१६,२३,२७,२८,२९,३२,३३,३४,३६,३७,४१,४८,५१,५४,५५,५९ एवं ६० है।
सोशल मीडिया पर चलता रहा अटकलो का दौर
नामांकन पत्रों की जांच के दौरान दिनभर सोशल मीडिया पर अटकलो का दौर चलता रहा। कुछ प्रत्याशियों के नामांकन पत्र पहले खारिज होने की सूचना वायरल होने लगी जबकि बाद में उनके आवेदन पत्र आरओ ने पात्र माने। ऐसी सूचनाओं से लोग भ्रम की स्थिति में भी दिखे एवं विभिन्न स्रोतों से पुष्टि करने का प्रयास करते रहे।
परिजनों के साथ पहुंची महिला प्रत्याशी
नामांकन पत्रों की जांच के दौरान अधिकतर महिला प्रत्याशी उनके पुरूष परिजनों के साथ पहुंची थी। कुछ महिला प्रत्याशियों के पति तो उनके समर्थक चुनाव से पहले ही पार्षद पति कहकर बुलाते दिखे।
समय पर नहीं मिल रही मीडिया को सूचनाएं
नगर परिषद चुनाव में प्रशासनिक स्तर पर समय पर मीडिया को सूचनाएं नहीं मिलने से भी परेशानी आ रही है। नामांकन पत्र भरने का कार्य सोमवार दोपहर 3 बजे तक ही पूर्ण हो गया था लेकिन मंगलवार दोपहर तक भी मीडिया को उस बारे में सूचना उपलब्ध नहीं कराई जा सकी कि फार्म किसने भरे है। नामांकन पत्रों की जांच के बाद कौन पात्र और किसके आवेदन खारिज हुए इसकी सूची भी रात 8 बजे तक उपलब्ध नहीं हो पा रही थी।
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