डेराबस्सी। भगवद गीता में लिखा है कि ‘कर्म किए जा फल की इच्छा मत कर!’ फल जब मिलना होगा, तब ही मिलेगा। ऐसा ही कुछ हुआ पंजाब के डेराबस्सी में रहने वाले 88 साल के बुजुर्ग के साथ। उनकी बुढ़ापे में 5 करोड़ की लॉटरी लगी है। आपको जानकार ताज्जुब होगा कि वे पिछले 40 सालों से पंजाब लॉटरी खरीदते आ रहे थे। लेकिन अब जाकर उनकी किस्मत खुली है।
डेराबस्सी के महंत द्वारका दास बहुत खुश हैं कि देर-सवेर सही, लेकिन उनकी किस्मत भी चमकी है। इन्होंने लोहड़ी मकर संक्रांति पर 5 करोड़ रुपए की बम्पर लॉटरी जीती है। द्वारका दास की कहानी 1947 में शुरू होती है, जब वह अपने परिवार के साथ पाकिस्तान से भारत आ गए थे। यहां आकर उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। अपनी किस्मत आजमाने उन्होंने लॉटरी खरीदना शुरू कीं। हालांकि 40 साल तक उनकी किस्मत नहीं खुली।अब जब उन्होंने लॉटरी लगने की बारे में सुना, तो विश्वास ही नहीं हुआ।
न्यूज एजेसी एएनआई के अनुसार दास ने कहा, “मैं खुशी महसूस कर रहा हूं। मैं पिछले 35-40 सालों से लॉटरी खरीद रहा हूं। मैं जीत की रकम अपने दो बेटों और अपने डेरा में बांटूंगा।” दास के बेटे नरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि उनके पिता ने अपने पोते को लॉटरी टिकट खरीदने को कहा था। पिता दास की लॉटरी लगने की खबर से पूरा परिवार खुशी से झूम रहा है।
असिस्टेंट लॉटरी डायरेक्टर करम सिंह के अनुसार, राशि से 30 प्रतिशत टैक्स काटने के बाद दास को बचा हुआ पैसा मिलेगा। डायरेक्टर ने बताया, “पंजाब राज्य लोहड़ी मकर संक्रांति बम्पर लॉटरी 2023 के रिजल्ट 16 जनवरी को घोषित किए गए थे। उन्होंने (द्वारका दास) ने 5 करोड़ रुपये का पहला पुरस्कार जीता है। निर्धारित प्रक्रिया पूरी करने के बाद, 30% टैक्स कटौती के बाद उन्हें राशि दी जाएगी।”
दिसंबर में ऐसा ही एक और मामला सामने आया था। दुबई में रहने वाले भारतीय ड्राइवर अजय ओगुला ने लॉटरी में ₹33 करोड़ रुपए जीते थे। अजय ओगुला 4 साल पहले यूएई आए थे। इस समय वे एक ज्वेलरी फर्म में ड्राइवर के रूप में काम कर रहे थे। वे हर महीने सैलरी के तौर पर 3,200 दिरहम कमाते थे। अजय ओगुला ने अमीरात ड्रा में Dh15 मिलियन यानी भारतीय करेंसी के हिसाब से 33 करोड़ का पुरस्कार जीता। लॉटरी पुरस्कार जीतने के बाद ओगुला ने कहा, “मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मैंने जैकपॉट मारा है।” संयुक्त अरब अमीरात के दैनिक खलीज टाइम्स ने बताया कि ओगुला दक्षिणी भारत के एक गांव से ताल्लुक रखते हैं। वे 4 साल पहले काम की तलाश में संयुक्त अरब अमीरात आए थे।
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