
यूनिक समय, नई दिल्ली। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि कल से प्रारंभ हो रही है, और इस साल का नवरात्रि विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि माता दुर्गा की सवारी हाथी पर होगी। हिंदू धर्म में माता की सवारी का बहुत महत्व है, और इसे लेकर मान्यता है कि माता के आगमन की सवारी से आने वाले दिनों का फल तय होता है। इस बार, जब माता रानी हाथी पर सवार होकर धरती पर आएंगी, तो इससे जुड़ी शुभ संकेतों और फल-फलों के बारे में जानना आपके लिए रोचक हो सकता है।
हाथी पर सवारी का शुभ संकेत
माता दुर्गा का हाथी पर सवार होकर आना एक बहुत ही शुभ संकेत माना जाता है। हाथी को शक्ति, समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है। खासकर किसानों के लिए यह संकेत बहुत ही सकारात्मक होता है, क्योंकि इसका अर्थ होता है कि इस साल अच्छी फसल होगी और मौसम भी अनुकूल रहेगा। इसके अलावा, यह देश की अर्थव्यवस्था के सुधार और लोगों के धन में वृद्धि का प्रतीक भी है।
धार्मिक शास्त्रों में इस रूप को देवी के भक्तों की इच्छाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है। न केवल सामान्य जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होगा, बल्कि यह समय उन लोगों के लिए भी शुभ रहेगा, जो किसी नए कार्य की शुरुआत करने की सोच रहे हैं।
नवरात्रि के पहले और आखिरी दिन हाथी की सवारी
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का आगमन 30 मार्च को होगा और माता रानी 6 अप्रैल को हाथी पर सवार होकर प्रस्थान करेंगी। इस पूरे समय देवी का साथ उनके हाथी की सवारी के रूप में रहेगा, जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि भौतिक जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग और अन्य शुभ संयोग
30 मार्च को चैत्र नवरात्रि के पहले दिन, सर्वार्थ सिद्धि योग का भी शुभ संयोग रहेगा, जो शाम 4:35 बजे से अगले दिन सुबह 6:12 बजे तक रहेगा। इस विशेष योग में किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त होने की पूरी संभावना है। साथ ही, इस दौरान चार दिन रवियोग और तीन दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी शुभ संयोग रहेगा।
हिंदू नववर्ष की शुरुआत
चैत्र नवरात्रि के साथ ही हिंदू नववर्ष 2082 की शुरुआत भी होगी, जो इस समय के महत्व को और भी बढ़ाता है। यह समय नए कार्यों और प्रयासों के लिए अत्यंत फलदायक साबित हो सकता है।
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