यूनिक समय, मथुरा। अब अवैध रुप से कॉलोनी बनाने वालों पर अंकुश लगाने की तैयारी शुरु हो गई है। सरकार ठोस कार्ययोजना बनाकर उसे लागू करने जा रहा है। कॉलोनी बनाने के बाद सड़क, नाली व अन्य जरूरी मूलभूत सुविधाएं न देने वाले बिल्डरों की संपत्तियां जब्त करने की योजना को आखिरी रुप दिया जा रहा है। जिससे इसे बेचकर मिलने वाले पैसे से कॉलोनियों के विकास कराया जा सके।
गौरतलब है कि शहरों में आबादी बढ़ने के साथ ही अवैध कालोनियों की संख्या में भी तेजी से बढ़ी है। बिल्डर और प्रापर्टी डीलर छोटी-छोटी कालोनियां बसा देते हैं।
लेआउट तक नहीं पास कराते हैं। फायदा यह होता है कि बिल्डर ऐसे कॉलोनियों में जरूरी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं देते हैं। इसलिए ऐसी कालोनियों पर सख्ती से रोक लगाने पर विचार चल रहा है। अवैध कालोनियों के निर्माण को रोकने के लिए डीएम व विकास प्राधिकरण को उपाध्यक्ष की सामूहिक जिम्मेदारी तय की जाएगी।
साथ ही विकास प्राधिकरण के अभियंताओं और कर्मियों की जवाबदेही भी तय होगी। प्रदेश सरकार के आवास विभाग के अधिकारियों का मानना है कि अवैध कालोनियों को बसने से पहले रोकने से आवंटियों को तो राहत मिलेगी ही साथ में विकास प्राधिकरणों को कालोनियों का प्लान पास कराने के एवज में पैसा मिलेगा। सूत्रों का कहना है कि आवास विभाग इस पर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्षों से राय लेने के बाद अंतिम निर्णय करेगा, जिससे भविष्य में इस तरह की कालोनियों के निर्माण पर कड़ाई से रोक लग सके।
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