प्रभु श्री हरि की कृपा पाने के लिए ऐसे करें अपरा एकादशी व्रत का पारण

अपरा एकादशी

यूनिक समय, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। प्रत्येक मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथियों पर व्रत रखकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना की जाती है। इस बार ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी, जिसे अपरा एकादशी कहा जाता है, 23 मई को मनाई जा रही है। व्रत का पारण द्वादशी तिथि को किया जाता है, जो इस वर्ष 24 मई को होगा।

पारण का शुभ समय

अपरा एकादशी व्रत का पारण 24 मई को प्रातः 5:26 बजे से लेकर सुबह 8:11 बजे के मध्य करना उत्तम रहेगा। इस दिन द्वादशी तिथि शाम 7:20 बजे तक रहेगी, अतः पारण का समय इसी अवधि में करना शास्त्र सम्मत माना गया है।

पारण की विधि

व्रत के अगले दिन प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु का पूजन करें और उन्हें पंचामृत का भोग अर्पित करें, जिसमें तुलसी पत्र अवश्य डालें। इसके अतिरिक्त सात्विक पदार्थों का भोग लगाएं और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप करते हुए मुंह में तुलसी पत्र रखकर व्रत का पारण करें।

इन बातों का रखें ध्यान

  • पारण के दिन मांस, लहसुन-प्याज, मसूर दाल, मूली, बैंगन और साग जैसी वस्तुओं के सेवन से बचें।
  • व्रत का पूर्ण फल प्राप्त करने हेतु इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और यथासंभव दान करें।

अपरा एकादशी का व्रत श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से समस्त पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

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