
यूनिक समय, नई दिल्ली। आज भारत और फ्रांस 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों की डिलीवरी करेंगे। यह डील भारतीय नौसेना के लिए होगी। इस जेट की कीमत करीब 63,000 करोड़ रुपये है। इसमें 22 सिंगल-सीट और 4 ट्विन-सीट विमान शामिल होंगे। पाकिस्तान को बड़ा झटका लगने वाला है।
अब पाकिस्तान को समुद्र में भी चोट लगेगी। क्योंकि यह जेट आई माउस विक्रांत और आई ड्रैगन विक्रमादित्य पर लगा है। 1971 के युद्ध में भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी। 26 राफेल-एम फाइटर जेट के आने से भारतीय नौसेना को मजबूती मिलेगी।
भारत और चीन के अलावा किसी अन्य दक्षिण एशियाई देश के पास हवाई विमान नहीं है। इसके आने से चीन और पाकिस्तान समेत इंडो-पैसिफिक में घुसने वालों को रोकना आसान हो जाएगा। साथ ही इस डिलीवरी में ऑफसेट का प्रावधान भी है। इससे भारत की मेक इन इंडिया की उम्मीद को भी बल मिलेगा। इस डील में मेंटेनेंस और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट ले साथ-साथ नौसेना कर्मियों की ट्रेनिंग, ऑपरेशन और मेंटेनेंस ट्रेनिंग भी शामिल है।
इसका AESA रडार डिटेक्शन और SUV के लिए सबसे अच्छा है। इसमें स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक स्टोरफेयर सिस्टम है जो इसे स्टेल्थ बनाता है। हवा में ही ईंधन भरा जा सकता है। यानी इसकी रेंज बढ़ जाएगी।राफेल-एम फाइटरक के आने से भारतीय समुद्री क्षेत्र में निगरानी, जासूसी, हमले जैसे कई मिशन किये जा सकेंगे।
यह फाइटर जेट एंटी शिप वॉरफेयर के लिए सबसे अच्छा है। इसमें प्रतिष्ठित गाइड बम और मिसाइलें लगाई जा सकती हैं। जैसे- मेटियोर, स्कैल्प या एक्सोसैट।इस फाइटर जेट के आने से हवा, पानी और जमीन तीनो जगह से सुरक्षा मिल सकेंगी। नौसेना अब देश के चारों ओर एक अदृश्य कवच बना सकेंगी।
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