आज PM मोदी दिल्ली विवि में रखेंगे 600 करोड़ की तीन परियोजनाओं की नींव

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यूनिक समय ,नई दिल्ली। आज शुक्रवार को PM मोदी दिल्ली विवि में कई विकास योजनाओं की नींव रखने वाले है। इनमें झुग्गी-झोपड़ी वासियों के लिए 1,675 फ्लैटों, नौरोजी नगर में विश्व व्यापार केंद्र (डब्ल्यूटीसी), सरोजिनी नगर में जनरल पूल आवासीय आवास टाइप-2 क्वार्टर और द्वारका में 300 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सीबीएसई के एकीकृत कार्यालय परिसर का उद्घाटन शामिल है। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बृहस्पतिवार को दी।

पीएम मोदी अशोक विहार स्थित स्वाभिमान अपार्टमेंट में झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास परियोजना के तहत लाभार्थियों को नवनिर्मित फ्लैट की चाबियां सौंपेंगे। यह प्रधानमंत्री की सभी के लिए आवास पहल का हिस्सा है। इसमें केंद्र सरकार की ओर से प्रत्येक फ्लैट के निर्माण पर खर्च किए गए 25 लाख रुपये में से पात्र लाभार्थियों को कुल राशि का सात फीसदी से भी कम भुगतान करना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को नजफगढ़ के रोशनपुरा में वीर सावरकर कॉलेज की आधारशिला रखेंगे, जिसमें शिक्षा के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। इसके अलावा पीएम मोदी पूर्वी दिल्ली और द्वारका में एक-एक शैक्षणिक ब्लॉक का भी शिलान्यास करेंगे। दिल्ली में फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले केंद्र की भाजपा सरकार राजधानी में विकास को बढ़ावा दे रही है।

वहीं, पीएम मोदी शुक्रवार को दो शहरी पुनर्विकास परियोजनाओं- नौरोजी नगर में विश्व व्यापार केंद्र (डब्ल्यूटीसी) और सरोजिनी नगर में जनरल पूल आवासीय आवास (जीपीआरए) टाइप-2 क्वार्टर, का भी उद्घाटन करेंगे। विश्व व्यापार केंद्र ने 600 से अधिक जीर्ण-शीर्ण क्वार्टरों को अत्याधुनिक वाणिज्यिक टावरों में बदलकर क्षेत्र का कायापलट कर दिया है। यह उन्नत सुविधाओं के साथ लगभग 34 लाख वर्ग फुट प्रीमियम वाणिज्यिक स्थान प्रदान करता है।

वहीं जीपीआरए टाइप-2 क्वार्टर में 28 टावर शामिल हैं, जिनमें 2,500 से अधिक आवासीय इकाइयां हैं। यह आधुनिक सुविधाएं और स्थान का कुशल उपयोग प्रदान करती हैं। परियोजना के डिजाइन में वर्षा जल संचयन प्रणाली, सीवेज और जल उपचार संयंत्र, और सौर ऊर्जा संचालित अपशिष्ट कॉम्पैक्टर शामिल हैं जो पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन को प्रोत्साहित करते हैं।

पीएम मोदी द्वारका में सीबीएसई के एकीकृत कार्यालय परिसर का भी उद्घाटन करेंगे, जिस पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसमें कार्यालय, ऑडिटोरियम, उन्नत डाटा सेंटर और व्यापक जल प्रबंधन प्रणाली के अलावा अन्य सुविधाएं शामिल हैं। पर्यावरण के अनुकूल इस इमारत का निर्माण उच्च पर्यावरणीय मानकों के अनुसार किया गया है और इसे भारतीय हरित भवन परिषद के प्लेटिनम रेटिंग मानकों के अनुसार डिजाइन किया गया है।

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