आज वात्सल्य दिवस के रूप में मनाया गया साध्वी ऋतंभरा का जन्म दिन

साध्वी ऋतंभरा

यूनिक समय, मथुरा। परम शक्ति पीठ के तत्वावधान में वात्सल्य ग्राम में दीदी मां साध्वी ऋतंभरा के जन्म दिवस को वात्सल्य दिवस के रूप में मनाया। साध्वी ऋतंभरा ने मां सर्वमंगला का अभिषेक पूजन कर समाज और देश के कल्याण की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि खुशियां देने से खुशियां मिलती हैं। प्रसन्नता बांटने से प्रसन्नता मिलती है।व्यक्ति को बिंदु न रहकर सिंधु बनना चाहिए अहम का त्याग कर वयम बनना चाहिए।

ईश्वर हमारे हाथों में लकीर तो देते हैं किंतु उनमें रंग भरने का कार्य हम अपने कर्मों के अनुसार स्वयं करते हैं। उन्होंने कहा कि लोहे को कोई नष्ट नहीं कर सकता किंतु उसमें जंग लग जाती है तो लोहा स्वयं समाप्त हो जाता है। इसी प्रकार व्यक्ति को दुनिया में कोई हरा नहीं सकता। कोई समाप्त नहीं कर सकता किंतु जब उसके अंदर अहंकार और दुर्विचार की जंग लग जाती तो उसे कोई बचा भी नहीं सकता। हमें अपने अंदर के विचारों पर चिंतन करना चाहिए।

इस अवसर पर साध्वी ऋतंभरा को उनकी शिष्याओं ने स्वर्ण मुकुट पहनकर सम्मान किया।कार्यक्रम में परम शक्ति पीठ के सचिव संजय भैया,अमेरिका से रामजी भाई पटेल, साध्वी सत्यप्रिया, स्वामी सत्यशील,सुमन लता, साध्वी समन्विता,स्वामी सत्यश्रवा, साध्वी सत्य श्रद्धा,व्यबस्थापक राजेश कुमार पांडेय, ओपी बंसल आदि उपस्थित थे।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*