परंपरा: ‘कुंवारों के देवता की जय हो’, मन्नत मांगो, जरूर होगी शादी

जब किसी घर में शादी की उम्र वाले बच्चे कुंवारे बैठे होते हैं, तो माता-पिता को काफी चिंता रहती है। आज के टाइम में एक अच्छा जीवनसाथी ढूंढना मुश्किल का काम हो गया है। अगर समय रहते अच्छा लड़का या लड़की न मिले तो लोग देवी-देवताओं के सामने मन्नत भी मांगते हैं। ऐसे ही कुंवारों के देवता मध्य प्रदेश में हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां आए कुंवारे की शादी जरूर होती है।

यह कुंवारों के देवता मध्यप्रदेश के नीमच जिले के जावद में हैं, जिन्हें कुंवारों के देवता ‘बिल्लम बावजी’ के नाम से जाना जाता है। बिल्लम बावजी की स्थापना आज से 50 साल पहले की गई थी, जो अब उस जगह की प्रथा बन गई है और हर साल आज ही के दिन रंग पंचमी पर विधि विधान से पूजा-अर्चना कर नगरवासियों द्वारा इन्हें विराजित किया जाता है।

बिल्लम बावजी 9 दिन रंग तेरस तक विराजित रहते हैं और बाद में मंदिर के अंदर इनकी स्थापना कर दी जाती है। इन 9 दिनों में देश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में कुंवारे युवक-युवती शादी की मन्नत लेकर विधि विधान से पूजा करते हैं। आज ढोल और विधि-विधान से पूजन करके बिल्लम बावजी की स्थापना की गई।

 

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