यूनिक समय। अयोध्या में राम मंदिर के लिए नए अर्चकों (पुजारियों) की नियुक्ति की जा चुकी है. मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इच्छुक व्यक्तियों से आवेदन मांगे थे. आवेदन की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2023 थी. चयनित व्यक्तियों की प्रवेश परीक्षा हुई. इसके बाद अब उन्हें 6 महीने की ट्रेनिंग दी जा रही है. विशेष ट्रेनिंग के बाद अर्चक (पुजारी) की नियुक्ति होगी. ट्रेनिंग के दौरान 2000 रुपये महीने दिए जाएंगे.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर में पूजा अर्चना के लिए अर्चक प्रशिक्षण शुरू हो गया है. इसके लिए अभ्यर्थी पहुंच चुके हैं. यह ट्रेनिंग आज से शुरू होगी. ट्रेनिंग के लिए 24 अभ्यर्थी बुलाए गए हैं. इनमें से दो अभ्यर्थियों ने प्रशिक्षण छोड़ दिया है. ट्रेनिंग के दौरान श्री राम जन्मभूमि मंदिर की पूजा पद्धति और परंपरा सिखाई जाएगी. इन अर्चकों को सत्यनारायण दास ट्रेनिंग देंगे. बता दें कि अर्चक के लिए 3000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिसमें मेरिट के आधार पर लगभग 200 लोगों को बुलाया गया था.
श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने कहा है कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम चलते रहने चाहिए. श्री राम मंदिर के अलावा अन्य मंदिरों में भी प्रशिक्षित पुजारी रहने चाहिए. इससे भगवान की बेहतर सेवा होगी.श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा 24 अर्चक अभ्यर्थी चुने गए हैं, जो ट्रस्ट कार्यालय पहुंच गए. आज से इनका प्रशिक्षण सत्र शुरू हो जाएगा. हालांकि इन 24 अर्चकों में से दो अभ्यर्थियों ने प्रशिक्षण से इनकार कर दिया और वापस चले गए. लगभग 6 माह की ट्रेनिंग के दौरान इन्हें श्री राम जन्मभूमि मंदिर में पूजन अनुष्ठान की विधि समझाई जाएगी और उसका परीक्षण होगा.
इसी के बाद योग्य अभ्यर्थी का चयन श्री राम जन्मभूमि मंदिर और परिसर के अन्य मंदिरों में अर्चक के रूप में किया जाएगा. श्री राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, अयोध्या के अन्य मंदिरों में भी उनके द्वारा प्रशिक्षित अर्चक की नियुक्ति होगी तो भगवान की पूजा आराधना बेहतर ढंग से हो सकेगी.
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