तीर्थनगरी मथुरा में कार सहित जलाकर ट्रांसपोर्टर पुष्पेंद्र यादव की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने शनिवार रात मुठभेड़ में मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर अवधेश यादव को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिस ने इससे पूछताछ की। इसमें सामने आया कि हत्या में अवधेश का तीसरा भाई कमलेश भी शामिल था। अब राजेश और उसके दामाद गौतम की भूमिका को लेकर संशय है। पुलिस गहनता से उन दोनों की भूमिका की जांच कर रही है। वहीं, कमलेश की तलाश जारी है। रविवार को अवधेश को जेल भेज दिया गया |
सीओ रिफाइनरी श्वेता वर्मा ने बताया कि पुष्पेंद्र यादव (35) पुत्र इंद्रपाल सिंह यादव मूलरूप से नगला लल्लू, जलेसर, एटा के रहने वाले थे। हाल में वह आवास विकास कॉलोनी, कासगंज में रहते थे। पुलिस पूछताछ में अवधेश ने बताया कि वह जेल में बंद पत्नी-बेटी की जमानत को वकील तय करने फरह के धाना खेमा क्षेत्र जा रहा था। योजना थी कि दोनों की जमानत का इंतजाम करने के बाद मेवात इलाके में जाकर छिप जाएगा। वहीं, ट्रक रिपेयरिंग का काम करेगा।
छह दिन की फरारी के विषय में बताया है कि हत्या के बाद आगरा स्थित अपने घर पहुंचा। वहां से फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा में रिश्तेदारियों में गया। आने-जाने के लिए वह सार्वजनिक वाहनों का उपयोग नहीं करता था। कामकाज के चलते ट्रक ड्राइवरों से संबंध हैं, उन्हीं के ट्रकों से सफर करता था। पुलिस पूछताछ में बताया है कि अकेले ही हत्या की थी। मगर, अपराध की प्रकृति व अवधेश के बयानों से प्रतीत हो रहा है कि वह परिवार को बचाने की खातिर ऐसे बयान दे रहा है।
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