जयपुर। प्रदेश की गहलोत सरकार गरीबों को मुफ्त अनाज और मुफ्त इलाज की सुविधा देने का दावा करती है जबकि शायद ये सुविधाएं उन तक पहुंच नहीं पा रही। जयपुर से सामने आ रही इस घटना से तो कुछ ऐसी ही समझ आ रहा है। यहां गरीबी और बीमारी से परेशान होकर परिवार की तीन सदस्यों ने सुसाइड कर लिया।
तीनों ने पपीते के जूस में जहर मिलाकर पी लिया। इसमें पति और पत्नी की तो मौके पर ही मौत हो गई जबकि उनका 14 साल ता बेटा बेहोश हो गया था। उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया।
जयपुर के करधनी इलाके में निवारु रोड पर बालाजी विहार में रहने वाले नवीन सेन और उनकी पत्नी सीमा और बेटे मयंक ने पपीत के जूस में जहर मिलाकर पीया। जब नवीन का बड़ा बेटा अनुराग रात को 10:30 बजे के करीब घर पर पहुंचा तो उसे गेट अंदर से बंद मिला। अनुराग ने परिजनों को काफी आवाज लगाई लेकिन किसी ने भी गेट नहीं खोला।
इसके बाद पड़ोस के घर से अनुराग और पड़ोसी घर का गेट तोड़कर अंदर घुसे तो तीनों बेहोशी की हालत में मिले। डॉक्टर ने अस्पताल में नवीन और सीमा को तो मृत घोषित कर दिया लेकिन उनके बेटे मयंक को इलाज के लिए भर्ती कर लिया। करीब तीन से चार घंटे बाद उसकी भी मौत हो गई।
अब तक की पुलिस इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है कि परिवार मूल रूप से शेखावाटी इलाके का है। जो 10 साल पहले राजधानी जयपुर में शिफ्ट हुआ थाा। लेकिन बीमारी और मकान का कर्ज होने के चलते परिवार पिछले लंबे समय से परेशान था ऐसे में माना जा रहा है कि इसी को लेकर उन्होंने सुसाइड किया हो। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है।
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