
यूनिक समय, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रशासनिक नीतियों के चलते हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे विदेशी छात्रों को झटका लगा है। अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) ने स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (SEVP) के तहत हार्वर्ड की पात्रता निलंबित कर दी है। इसके चलते विश्वविद्यालय अब विदेशी छात्रों को नया दाखिला नहीं दे सकेगा।
इस निर्णय का असर उन लगभग 6,800 विदेशी छात्रों पर पड़ेगा, जो वर्तमान में हार्वर्ड में अध्ययनरत हैं। इनमें भारत के भी लगभग 788 छात्र शामिल हैं। यह संख्या विश्वविद्यालय में कुल छात्रों का लगभग 27% है।
सूत्रों के अनुसार, विश्वविद्यालय को अपने विदेशी छात्रों से जुड़े संपूर्ण विवरण 72 घंटे के भीतर अमेरिकी सरकार को सौंपने होंगे, अन्यथा यह निलंबन स्थायी रूप ले सकता है। जिन छात्रों का नामांकन पहले से हो चुका है, उन्हें अब अन्य विश्वविद्यालयों में स्थानांतरण की सलाह दी गई है। ऐसा न करने की स्थिति में उन्हें अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है।
दरअसल, हार्वर्ड और अमेरिकी सरकार के बीच हाल के हफ्तों में विदेशी छात्रों की निगरानी और रिकॉर्ड साझा करने को लेकर मतभेद बढ़ गए थे। DHS ने चेतावनी दी थी कि यदि 30 अप्रैल तक विदेशी छात्रों से संबंधित अवैध गतिविधियों या सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा नहीं की गई, तो यूनिवर्सिटी का SEVP सर्टिफिकेशन रद्द किया जा सकता है।
यह प्रमाणपत्र अमेरिकी विश्वविद्यालयों को विदेशी छात्रों को पढ़ाने की अनुमति देता है और वीजा दस्तावेज जारी करने का अधिकार देता है। हार्वर्ड द्वारा रिकॉर्ड सौंपे जाने के बावजूद, प्रशासन ने उन्हें अपर्याप्त बताया और कार्रवाई जारी रखी।
इस फैसले का असर केवल हार्वर्ड तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह अमेरिका में उच्च शिक्षा के लिए आने वाले वैश्विक छात्रों के दृष्टिकोण को भी प्रभावित कर सकता है।
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