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मुंबई। आज के दिन भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले परशुराम जी की जयंती मनाई जा रही है। वहीं ये जयंती इसलिए और भी खास हो गई है क्योंकि इस बार रामांनंद सागर की ‘रामायण’ की री-टेलीकास्ट किया गया है. टीआरपी से लेकर सोशल मीडिया तक ‘रामायण’ का क्रेज देखने को मिल रहा है. वहीं दर्शक रामायण से जुड़े हर किरादर के किस्सों के बारे में भी जानने के लिए उत्सुकता दिखा रहे हैं. बात करें परशुराम की तो ‘रामायण’ में उन्हें लेकर एक अहम सीन है. ये सीन राम-लक्ष्मण और परशुराम के बीच संवाद है, जिसे रामानंद सागर मे बेहद खूबसूरती से दिखाया था।
राम-लक्ष्मण और परशुराम के बीच ये संवाद तब होता है, जब राम, सीता के स्यंवर में शिव का बलशाली धनुष तोड़ देते हैं. वहीं जब शिव के धनुष टूटने की खबर परशुराम को होती है तो वो क्रोधित हो जाते हैं और धनुष तोड़ने वाले को ललकारते हैं. वो जब भरी सभा में ये पूछते हैं कि धनुष किसने तोड़ा तो भगवान राम बड़ी सहजता से उनसे कहते हैं कि ‘जिसने भी ये धनुष तोड़ा होगा वो आपको कोई दास ही होगा’.. इस पर भी परशुराम का क्रोध कम नहीं होता है और वो कहते हैं ‘दास वो होता है जो सेवा करता है लेकिन जो शत्रुता करे उसे शत्रु ही समझना चाहिए’.
परशुराम का क्रोध कम होता नहीं देखकर लक्ष्मण उन्हें समझाने की कोशिश करते हैं लेकिन लक्ष्मण की बातें सुनकर परशुराम को और भी क्रोध आ जाता है. वो उन्हें अपने फड़से की ताकत बताने लगते हैं. इस पर लक्ष्मण भी क्रोधित हो जाते हैं और तीर निकालने के लिए हाथ बढ़ाते हैं लेकिन राम उनका हाथ पकड़कर रोकते हैं. बाद में भगवान राम , परशुराम से माफी मांगते हैं लेकिन परशुराम क्रोध में उन्हें युद्ध करने का आमंत्रण दे डालते हैं. इस पर भी राम उनसे विनय करते हैं और स्वयं को उनसे छोटा बताकर युद्ध ना करने की अपील करते हैं.
राम की इस विनम्रता पर परशुराम का क्रोध शांत हो जाता है और उन्हें राम में भगवान विष्णु नजर आ जाते हैं. इसके बाद वो राम के आगे हाथ जोड़ लेते हैं. इस राम, लक्ष्मण और परशुराम संवाद का विस्तार से आखिर में खुद रामानंद सागर ने भी बखान किया है.
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