
यूनिक समय, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट विधानसभा में पेश किया है। इस ऐतिहासिक बजट का आकार 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ 6 लाख रुपये है, जो पिछले वर्ष के बजट से 9.8 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इसे राज्य के आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए विधानसभा में पेश किया।
इस ऐतिहासिक बजट में प्रदेश के विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों में बड़े आवंटन किए गए हैं। अवस्थापना विकास के लिए कुल बजट का 22 प्रतिशत, शिक्षा के लिए 13 प्रतिशत, कृषि और सम्बद्ध सेवाओं के लिए 11 प्रतिशत, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में 6 प्रतिशत और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए 4 प्रतिशत धनराशि निर्धारित की गई है। इसके साथ ही पूंजीगत परिव्यय का हिस्सा कुल बजट का 20.5 प्रतिशत है। यूपी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जिनमें आईसीटी लैब और स्मार्ट क्लासेस का निर्माण, राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेजों में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना जैसी योजनाएं शामिल हैं।
साथ ही, सरकार ने बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने के लिए सड़क निर्माण, औद्योगिक विस्तार, परिवहन व्यवस्था और निवेश आकर्षित करने की योजनाओं को प्राथमिकता दी है। इसके अलावा, प्रदेश के 58 नगर निकायों को ‘आदर्श स्मार्ट नगर निकाय’ के रूप में विकसित करने की योजना है। यह बजट राज्य के विकास को गति देने, रोजगार के अवसर बढ़ाने, गरीबों के कल्याण और बुनियादी ढांचे के सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। योगी सरकार का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में तेज़ी से अग्रसर करना है।
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