हेलीकॉप्टर के लिए कंपनियां 3 से 4 लाख रुपये प्रति घंटे का किराया वसूल रही हैं. हेलीकॉप्टर मिल भी जाए तो अनुभवी पायलटों की उपलब्धता नहीं होने के कारण राजनीतिक दलों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
चुनावी मौसम हर किसी के लिए नफा-नुकसान का सौदा होता है. विशेषकर हेलीकॉप्टर सेवा प्रदान करने वालों के लिए यह लाभदायक समय है. देशभर में करीब 200 हेलीकॉप्टर हैं. सरकारी और अर्ध सरकारी विभागों को छोड़ दें, तो इनमें से निजी क्षेत्र के पास करीब 160 हेलीकॉप्टर मौजूद हैं.
इनमें से करीब 100 का इस्तेमाल लोकसभा चुनाव में विभिन्न नेताओं और राजनीतिक दलों द्वारा अपने प्रचार में किया जा रहा है. मोदी सरकार के सभी मंत्री और विपक्ष के बड़े नेता हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में कर रहे हैं.
चुनाव के दौरान हेलीकॉप्टर का भाड़ा करीब 5 लाख रुपये प्रति घंटे तक पहुंच जाता है.प्रति घंटे 1.5 से 2.5 लाख रुपये तक हेलीकॉप्टर का सामान्य किराया होता है. चार्टर्ड प्लेन और हेलीकॉप्टर सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों के मुताबिक इस बार के लोकसभा चुनावों में बुकिंग अधिक हो रही है. अधिकतर बुकिंग राजनीतिक पार्टियों ने कराई है.
कुछ बुकिंग कंपनियों और निजी लोगों ने भी की है. इनमें कुछ लोकसभा उम्मीदवार भी हैं. बीजेपी, कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने अभी अपने… पूरे उम्मीदवार घोषित भी नहीं किए हैं और अडवांस में ही तमाम चार्टर्ड प्लेन और चॉपर की बुकिंग फुल हो चुकी है.
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