तत्काल बैठक: आखिरकार अमित शाह ने संभाला दिल्ली में हिंसा काबू करने का जिम्मा, योगी फार्मूला लागू करने पर मंथन

दिल्ली में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने परिवार के साथ रुके हुए हैं। वो दो दिन के दौरे पर भारत पहुंचे हैं। इसी बीच दिल्ली से हैरान करने वाली खबर आ गई। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में दंगे भड़क गए और जमकर हिंसा शुरू हो गई। इसको काबू में करने के प्रयास किए गए। हालांकि अब गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली हिंसा को काबू में करने की तैयारी कर ली है। उन्होंने बड़ी बैठक बुलाकर ये आदेश दे दिया।

दिल्ली में रुके हैं ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप जिस होटल में रुके हुए हैं। उससे 20 किमी दूर दिल्ली में जमकर हिंसा हो गई। इसमें एक पुलिसवाले की मौत हो गई। ये दंगे सीएए का विरोध और समर्थन करने के वालों के बीच हुए। दोनों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई। इसी दौरान दंगे को काबू में करने के चक्कर में एक पुलिसवाले की मौत हो गई। हालांकि इसके बाद पुलिस ने वहां धारा 144 लागू कर दी।

अमित शाह ने अपने हाथ में ली जिम्मेदारी

ट्रंप के दिल्ली में होने की वजह से आनन-फानन में अमित शाह राजधानी पहुंचे और बदनामी से बचाने के लिए उन्होंने आपात बैठक बुला ली। उन्होंने बैठक में केंद्रीय गृह सचिव एके भल्ला सहित दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल व दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को सख्त हिदायत दे दी है। शाह ने जल्दी से जल्दी हालात पर काबू पाने का आदेश दे दिया है।

दिल्ली में हालात सामान्य करने के लिए योगी फार्मूला लागू करने पर मंथन, अमित शाह ने बुलाई तत्काल बैठक

पूर्वी दिल्ली में सीएए व एनआरसी के समर्थन और विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के बीच सोमवार को उपद्रवी तत्वों ने कई गाडिय़ों में आग लगा दी और एक पेट्रोल पंप को भी फूंक दिया। इलाके में स्थिति तनावपूर्ण है। मौजपुर बाबरपुर मेट्रो स्टेशन, मौजपुर चौक, शमशान घाट चौक, जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर तनाव अभी भी बना हुआ है। प्रशासन की तरफ से सुरक्षा बढ़ा दी गई है, लेकिन फिलहाल स्थिति सामान्य नहीं है। वहीं इन हालातों में मांग उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से लागू किया फार्मूला लागू करने की मांग उठने लगी है।

दरअसल सीएए को लेकर उत्तर प्रदेश में भी काफी हिंसा हुई थी और योगी आदित्यनाथ की सख्ती ने सब शांत कर दिया। सीएए के विरोध के नाम पर उत्तर प्रदेश के लखनऊ, सहारनपुर, मेरठ, बाराबंकी, मुरादाबाद, अलीगढ़ जैसे शहरों में भी हिंसा हो चुकी है। लखनऊ और मेरठ में तो प्रदर्शकारी ने सीधे-सीधे पुलिस पर आक्रामक होते दिखे थे। कुछ तस्वीरें तो ऐसी आईं जिसे देखकर ऐसा लग रहा था मानो ये दुनिया के किसी हिंसाग्रस्त देश की है। ऐसे वक्त में जहां कुछ राजनेता उपद्रवियों से संयम बरतने की अपील कर रहे थे, वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सख्त रुख अपनाया।

सीएम योगी ने सीधे-सीधे कहा कि वे विरोध करने की इजाजत देते हैं, क्योंकि यह अधिकार हमारा संविधान देता है, लेकिन विरोध के नाम पर सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों को वे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। एक सख्त प्रशासक के रूप में सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस कर्मियों को खुली छूट दी कि वे उपद्रवियों से अपने हिसाब से निपटें। हिंसा के दौरान गोकुलपुरी एसीपी कार्यालय में तैनात सिपाही रतन लाल की मौत हो गई, जबकि शाहदरा के डीसीपी अमित शर्मा को गंभीर चोट आई है। उन्हें पटपडग़ंज के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मौजपुर में कुछ इलाकों में घरों से लोगों ने पत्थरबाजी की, जिससे कई घरों के शीशे टूटने की खबर है। बाबरपुर में दो गुटों के बीच रह-रहकर पत्थरबाजी होती रही। इसमें कई लोगों के घायल होने के खबर है। वहीं, हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।

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