यूनिक समय, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के अराजपत्रित राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को दिवाली बोनस देने का ऐलान किया है। सरकार की इस घोषणा का लाभ प्रदेश के करीब 15 लाख राज्य कर्मचारियों को होगा. हालांकि, उन्हें सीधा लाभ ज्यादा नहीं होगा। सरकार की घोषणा के अनुसार बोनस का 25 प्रतिशत हिस्सा तुरंत मिलेगा, वहीं बाकी का 75 फीसद हिस्सा जीपीएफ़ में जुड़ेगा. बहरहाल, सरकार के इस ऐलान से सरकारी खज़ाने पर 1022 करोड़ का भार पड़ेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वित्त विभाग ने गुरुवार को बोनस भुगतान का शासनादेश जारी कर दिया। शासनादेश के अनुसार, कर्मचारियों को वर्ष 2019-20 के लिए 30 दिनों के वेतन के बराबर बोनस मिलेगा। प्रति कर्मचारी 6908 रुपये की धनराशि मंजूर की गई है। यानि 1727 रुपये का नकद भुगतान होगा। बाकी जीपीएफ खाते में जाएगा. जो कर्मचारी 31 मार्च के बाद रिटायर हुए हैं या 30 अप्रैल 2021 तक सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उन्हें बोनस की पूरी राशि का नकद भुगतान किया जाएगा।
इन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
इस बोनस का लाभ 4800 रुपये तक ग्रेड वेतन पाने वाले सभी पूर्णकालिक अराजपत्रित कर्मचारियों, राजकीय विभागों के कार्य प्रभारित कर्मचारियों, सहायताप्राप्त शिक्षण व प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों और जिला पंचायतों के कर्मचारियों को मिलेगा। केवल वही कर्मचारी इसके पात्र होंगे, जो 31 मार्च 2020 तक 1 साल की निरंतर सेवा पूरी कर चुके हों। वहीं, जिन कर्मचारियों को किसी विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई या आपराधिक मुकदमे में दंड दिया गया हो, वे बोनस से वंचित रहेंगे।
ऐसे दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
शासनादेश के अनुसार वो दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, जिन्होंने 31 मार्च 2020 तक 3 वर्ष या उससे अधिक समय तक लगातार काम किया हो और हर साल 6 डे वीक वाले कार्यालय में कम से कम 240 दिन और 5 डे वीक वाले दफ्तरों में हर वर्ष न्यूनतम 206 दिन कार्यरत रहे हों, उन्हें भी यह सुविधा मिलेगी। वहीं, पूर्णकालिक कर्मचारी, जिन्होंने 31 मार्च तक 1 साल निरंतर सेवा पूरी नहीं की है, लेकिन उस तारीख तक दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के तौर पर 3 साल या उससे अधिक समय तक लगातार काम करते रहे हों, उन्हें भी यह सुविधा मिलेगी. इन्हें 1184 रुपये मिलेंगे।
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