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अयोध्या। राम की नगरी अयोध्या में जल्द ही माता सीता के भव्य मंदिर की स्थापना होने जा रही है। तपस्वी छावनी के महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य जी के नेतृत्व में अयोध्या में माता सीता के भव्य मंदिर की स्थापना होगी। इसके लिए 20 मई को जानकी नवमी के दिन सीता मंदिर के लिए नींव का पूजन किया जाएगा। इसके लिए हर व्यक्ति से एक रुपए और एक ईंट का सहयोग लिया जाएगा। सीता मंदिर तपस्वी छावनी के मंदिर की ही जमीन पर स्थापित होगा, जो पंचकोशी परिक्रमा मार्ग के अंदर है। जगत गुरु परमहंस दास ने बताया कि सवा दो लाख वर्ग फुट जमीन पर माता सीता के मंदिर की स्थापना होगी।
परमहंस दास ने सीता माता के मंदिर को महिलाओं के सशक्तिकरण का केंद्र बनाने की बात कही है। परमहंस का मानना है कि माता सीता के त्रेता युग में हुए अपमान के कारण अयोध्या का गौरव पुनः स्थापित नहीं हो पा रहा है। संपूर्ण भारतीय संस्कृति मातृशक्ति के सम्मान में सन्निहित है। परमहंस दास ने कहा कि जब तक माता सीता का सम्मान राम राज्याभिषेक के समय जिस तरह से हुआ था, उस तरीके से नहीं होगा, तब तक अयोध्या का खोया हुआ गौरव वापस नहीं आएगा।
जगतगुरु परमहंस दास ने सवा दो लाख वर्ग फीट में भव्य माता सीता के मंदिर का निर्माण करवाने की घोषणा की। जिस का भूमि पूजन जानकी नवमी तिथि पर किया जाएगा। परमहंस ने बताया कि इस मंदिर के निर्माण के लिए कोई बहुत बड़ा सहयोग किसी से नहीं लिया जाएगा लेकिन यह आस्था और धर्म का बात है, लोगों को इससे जोड़ने के लिए प्रति व्यक्ति एक रुपए और एक ईट का सहयोग लिया जाएगा. माता सीता के अयोध्या से चले जाने के बाद अयोध्या श्री हीन हो गई थी. उसको पुनः प्रतिष्ठित करने के लिए माता सीता के भव्य मंदिर की स्थापना होगी और यह मंदिर महिला सशक्तिकरण का केंद्र बनेगा।
महंत परमहंस दास ने कहा कि सवा 2 लाख वर्ग फीट जमीन माता सीता के मंदिर निर्माण के लिए चयनित की गई है। मंदिर भव्य और दिव्य बनेगा. पूरे विश्व के नारी समाज के लिए सशक्तिकरण का केंद्र बनेगा। माता सीता का त्रेता में अयोध्या से जाने के बाद अयोध्या वैभवहींन हो गयी है। तमाम प्रयास करने के बावजूद अयोध्या में पुराना वैभव वापस नहीं आ रहा है। परमहंस दास ने कहा कि भारतीय संस्कृत मातृशक्ति के सम्मान में ही संबंधित है। जब तक माता-सीता का सम्मान त्रेता युग में राम राज्याभिषेक के समय जिस तरीके से हुआ था, वैसा नहीं होगा. तब तक अयोध्या का वैभव वापस नहीं आएगा।
प्रत्येक व्यक्ति से 3 तरीके का सहयोग लिया जाएगा
तपस्वी छावनी की दूरी अयोध्या के पंचकोशी परिक्रमा मार्ग के अंदर सवा दो लाख वर्ग फुट हैै 20 मई को जानकी नवमी के उत्सव पर माता सीता के मंदिर की स्थापना की जाएगी इसमें प्रत्येक व्यक्ति से 3 तरीके का सहयोग लिया जाएगा. तन से मन से धन से,धन से एक रुपए और एक ईंट श्रद्धालुओं से दिया जाएगा मन से भारतीय संसद में मातृ शक्ति का सम्मान बड़े, सहयोग में श्रद्धालु मंदिर निर्माण में श्रमदान कर सकता हैै
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