प्रयागराज। लिव-इन रिलेशन में गैर मर्द के साथ रह रही एक विवाहित महिला की पति से सुरक्षा की मांग में दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए गैर मर्द के साथ लिव-इन रिलेशन में रह रही महिला को राहत देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी है कि याची ने इस मामले में कोई पुलिस शिकायत नहीं दर्ज कराई है और न ही तलाक की अर्जी दाखिल की है।
दरअसल सुरभि नाम की विवाहित महिला ने पति से सुरक्षा की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका दाखिल की थी। याची महिला ने अपने पति पर घरेलू हिंसा करने, धमकी देने व असामाजिक गतिविधियों में लिप्त होने की दलील देकर अपने लिए सुरक्षा की मांग की थी। इसके साथ ही महिला ने अपने पति से जान का खतरा भी बताया था।
लेकिन मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने अपने फैसले में कहा कि महिला ने घरेलू हिंसा की न तो कहीं शिकायत दर्ज कराई है और न ही तलाक के लिए कोई याचिका दायर की है। कोर्ट ने कहा कि पति के ख़िलाफ़ बिना किसी शिकायत या तलाक की अर्जी के अदालत कोई राहत नहीं दी जा सकती है।
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि- रिट याचिका में यह अस्पष्ट दलील है कि याचिकाकर्ता का पति उसे परेशान कर रहा है. इसलिए इस रिट पर विचार नहीं किया जा सकता है. गौरतलब है कि याची सुरभि पति का घर छोड़कर मोहित नामक शख्स के साथ लिव-इन रिलेशन में रह रही है. सुरभि ने सिर्फ मानवाधिकार आयोग में पति के ख़िलाफ़ शिकायत की है. इसी तरह के एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने लिव-इन रिलेशन में रहने वाली एक अन्य महिला की याचिका भी पिछले हफ्ते खारिज की थी. जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस साधना रानी ठाकुर की डिवीजन बेंच ने ये फैसला सुनाया है.
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