प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट 17 की जगह 18 फरवरी को पेश करने का मन बना लिया है। सरकार नए बजट प्रस्तावों को अंतिम रूप देने में जुटी है।
सूत्रों ने बताया कि विधानमंडल में अगले वित्त वर्ष का बजट 17 या 18 फरवरी को पेश करने का प्रस्ताव किया गया था। लेकिन, पिछले कई बार से बजट पेश करने से ठीक पहले उसी दिन सुबह की कैबिनेट बैठक में बजट प्रस्तावों को मंजूरी दिलाने की नई परंपरा शुरू की गई है।
18 फरवरी को मंगलवार पड़ रहा है जो नियमित कैबिनेट बैठक का दिन है। ऐसे में 18 को ही सुबह कैबिनेट की बैठक में बजट प्रस्तावों को मंजूरी दिलाने और इसके तत्काल बाद विधानसभा में पेश करने के प्रस्ताव पर सहमति बन गई है।
हालांकि , विधानसभा में बजट पेश करने का अंतिम कार्यक्रम विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता वाली कार्यमंत्रणा समिति तय करती है। समिति की ओर से अभी विधानमंडल की बैठक का विस्तृत कार्यक्रम तय होना बाकी है। विधानमंडल का आगामी सत्र 13 फरवरी से आहूत किया जा चुका है।
केंद्रीय करों में हिस्सेदारी का फार्मूला देखकर प्रदेश का बजट होगा फाइनल
केंद्रीय वित्त आयोग ने पिछले साल अक्तूबर में प्रदेश का भ्रमण किया था। इसमें कई मोर्चों पर प्रदेश की चुनौतियां चिह्नित की थीं तो सुधार के कई प्रयासों पर पीठ थपथपाई थी। आयोग अपनी प्रारंभिक संस्तुतियां केंद्र सरकार को सौंप चुका है। इसमें केंद्र की ओर से राज्यों को दिए जाने वाली सहायता के फार्मूले में बदलाव की अटकलें हैं। वर्तमान में केंद्रीय करों में राज्य को 42 फीसदी हिस्सेदारी मिल रही है। प्रदेश का बजट इसी आवंटन को ध्यान में रखकर बनाया जाता रहा है। वित्त विभाग फार्मूले में बदलाव की अटकलों के बाद आयोग की संस्तुतियों पर केंद्र सरकार के निर्णय का इंतजार करने का मन बना लिया है।
शासन के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार आम बजट में वित्त आयोग की संस्तुतियों पर राज्यों के वित्तीय आवंटन व फार्मूले का खुलासा कर सकती है। एक फरवरी को केंद्र सरकार का आम बजट आ रहा है और प्रदेश का बजट 18 फरवरी को प्रस्तावित है। यदि मौजूदा फार्मूले पर यहां बजट अनुमान लगा लिया गया और केंद्र ने फार्मूला बदल दिया तो बजट अनुमान में ज्यादा फर्क आ सकता है। फिर जल्दी से जल्दी अनुपूरक बजट लाकर नए सिरे से बजट की पूरी कार्रवाई करनी पड़ेगी। 18 फरवरी को राज्य का बजट आने पर केंद्र के निर्णय का इंतजार करने की पर्याप्त गुंजाइश है।
प्रदेश ने आयोग से 5.37 लाख करोड़ का मांगा है पैकेज
15 वें वित्त आयोग ने 2011 की जनगणना को आधार मानकर संस्तुतियां दी हैं। इससे प्रदेश को आवंटन में काफी वृद्धि की उम्मीद है। प्रदेश सरकार ने आयोग से 5.37 लाख करोड़ का पैकेज मांगा था। आयोग ने अपनी ओर से मेडिकल कालेज बनाने व नर्सेज प्रशिक्षण के लिए 18 हजार करोड़ मदद का संकेत किया था।
Leave a Reply