उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इस्लामिक वक्फ की जमीन पर अवैध रूप से निजी कब्जा हटाने की तैयारी कर रही है। राज्य सरकार ने इस जमीन के 33 साल पुराने आदेश को रद्द कर दिया। मुस्लिम वक्फ में दर्ज सरकारी जमीन की जांच के आदेश दिए गए हैं। यह भी आदेश दिया गया है कि एक महीने के भीतर रिपोर्ट पेश की जाए। प्रदेश के 75 जिलों की जमीन वक्फ रिकॉर्ड में दर्ज हो।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रूथ केली ने कहा है कि अस्पतालों, स्कूलों और अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों को समर्थन दिया जाना चाहिए। इन जमीनों को छोड़ कर बनाया जाएगा। राज्य सरकार ने आदेश दिया है कि यदि कोई सार्वजनिक भूमि वक्फ संपत्ति में पंजीकृत है, तो उसका राजस्व विभाग के साथ उसके मूल रूप में पुन: पंजीकरण किया जाए।
तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा 7 अप्रैल 1989 को जारी आदेश में कहा गया था कि यदि सामान्य संपत्ति बंजर है, तो भीता, उसर आदि के अधिग्रहण पर विचार किया जाएगा। यदि भूमि का उपयोग धार्मिक या सांस्कृतिक संस्था के रूप में किया जाता है, तो इसे वक्फ संपत्ति माना जा सकता है। अगर ऐसा है तो जमीन का रजिस्ट्रेशन ऐसे ही किया जाए। इस आदेश के तहत राज्य में लाखों हेक्टेयर भीटा, उसर और अन्य बंजर भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत किया गया है। वह चला गया।
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