
यूनिक समय, मथुरा। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश में एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की जा रही है। इस अभियान के तहत 10,000 पर्यावरण सखियां तैयार की जाएंगी, जो स्वच्छ ऊर्जा के प्रचार-प्रसार के साथ पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएंगी।
इन सखियों का प्रमुख कार्य सौर चूल्हों और बायोगैस सिस्टम को प्रोत्साहित करना होगा, जिससे ग्रामीण रसोईयां धुआं मुक्त बन सकें और पर्यावरण प्रदूषण को रोका जा सके। हर गांव में एक सूर्य सखी नियुक्त की जाएगी, जो सौर उपकरणों के उपयोग, रख-रखाव और मरम्मत से संबंधित जानकारी ग्रामीणों को देगी।
प्रदेश भर की 57,702 ग्राम पंचायतों में सूर्य सखियों की तैनाती की योजना है। इसके अतिरिक्त, राज्य में कुल 3,303 सौर ऊर्जा शॉप भी खोली जाएंगी — प्रत्येक ब्लॉक में औसतन चार दुकानें स्थापित की जाएंगी। इन दुकानों के माध्यम से महिलाओं को न सिर्फ रोजगार मिलेगा बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा उपकरणों की उपलब्धता और मरम्मत सेवा भी सुनिश्चित होगी।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन के अनुसार, सोलर उत्पादों के निर्माण से 20,000 महिलाओं को उद्यमिता का अवसर मिलेगा। सोलर फूड प्रोसेसिंग मशीन, सोलर ड्रायर और डीप फ्रीजर जैसे उपकरण तैयार किए जाएंगे। साथ ही, प्रत्येक मंडल में सौर उत्पाद निर्माण इकाइयां स्थापित होंगी, जिनसे 540 महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
मथुरा जनपद में भी इस योजना की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के उपायुक्त विकास कुमार ने जानकारी दी कि जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में जनपद में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए यह अभियान तेजी से चलाया जाएगा। इसका उद्देश्य मथुरा को भी सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।
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