उत्तर प्रदेश में सपा एमएलसी और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य से यूपी एसटीएफ ने पूछताछ की। सोमवार को उनसे तकरीबन एक घंटे तक पूछताछ का सिलसिला चला। माना जा रहा है यह पूछताछ उस ठगी के मामले में हुई है जिसमें उनके निजी सचिव रहे अरमान को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है।
गौरतलब है कि बीते दिनों स्वामी के निजी सचिव रहे अरमान और उसके गिरोह के कई सदस्यों की गिरफ्तारी हुई थी। आरोप है कि गिरोह के सदस्यों के द्वारा सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी की जा रही थी। एसटीएफ को उनके कब्जे से भाीर मात्रा में फर्जी मार्कशीट, आधार कार्ड व कई अन्य दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वामी से पूछताछ के पीछे की बड़ी वजह है कि इस मामले में उनका नाम भी आया था। जिस दौरान यह पूरा फर्जीवाड़ा हुआ उस समय स्वामी प्रसाद मंत्री थे। उनके निजी सचिव रहे अरमान पर आरोप है कि उसने कथिततौर पर युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर उगाही की। मामले में अरमान के साथ ही तीन और आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था।
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा का दामन छोड़कर साइकिल की सवारी कर ली थी। हालांकि चुनाव में उन्हें फाजिलनगर विधानसभा सीट से करारी हार का सामना करना पड़ा था। फाजिलनगर सीट से स्वामी को सुरेंद्र कुशवाहा से मात का सामना करना पड़ा था। ज्ञात हो की पिछला विधानसभा चुनाव उन्होंने पडरौना विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर जीता था। हालांकि 2022 के चुनाव से पहले उन्होंने अपने कई समर्थक विधायकों के साथ में भाजपा से किनारा कर लिया था। सभी ने आरोप लगाया था कि भाजपा में दलित और पिछड़ों की अनदेखी की जाती है। भाजपा से किनारा करने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य और उनके समर्थकों ने सपा का दामन थामा था और कई लोगों को टिकट भी मिला था। लेकिन चुनाव में दलबदल कर सपा में आए ज्यादातर नेताओं को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
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