आज से 25 साल पहले सनी देओल की फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था। देशभक्ति से लबरेज मूवी को देखने के लिए सिनेमाघरों में भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। लेकिन इस मूवी से एक बेहद कड़वी यादें भी जुड़ गई थी। जिसकी टीस आज भी कई घरों में महसूस की जाती है। दिल्ली के उपहार सिनेमा अग्निकांड को भला कौन भूल सकता है। जेपी दत्ता की फिल्म का फर्स्ट डे-फर्स्ट शो 59 लोगों की जिंदगी का लास्ट शो साबित हुआ था।
13 जून 1997 को उपहार सिनेमा अग्निकांड हुआ था। इस कांड ने दिल्ली ही नहीं पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। बॉर्डर मूवी का पहला शो देखने के लिए उपहार सिनेमा में भारी भीड़ पहुंची थी। फिल्म के दौरान शॉर्ट सर्किट हुआ और सिनेमाघर धू-धू करके जलने लगी। बताया जाता है कि सबसे पहले उपहार सिनेमाहॉल के ग्राउंट प्लोर पर मौजूद ट्रांसफॉर्मर रूम में आग लगी। लेकिन इससे बेखबर लोग फिल्म देखने में लगे रहे क्योंकि बॉर्डर मूवी में धमाके की आवाज से आग की आवाज छिप गई। कुछ देर में आग की लपटें हॉल के अंदर पहुंच गई।
हॉल चारों तरफ से बंद था। जिसकी वजह से भगदड़ मच गई। कुछ लोग जिंदा जल गए तो कुछ लोग कुचल कर मारे गए। जो लोग उपर की मंजिल में थे वो खिड़की से कूद गए। जिसकी वजह से बुरी तरह जख्मी होगए। कहा जाता है कि इस हादसे में 59 लोगों की मौत हो गई जिसमें 23 बच्चे थे। वहीं सौ से ज्यादा लोग बुरी तरह जख्मी हो गए थे।
बता दें कि ‘बॉर्डर’ फिल्म की कहानी साल 1971 में हुए भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध पर आधारित थी। जिसमे भारत की सेना ने पाकिस्तान की सेना को धूल चटा दी थी। इस मूवी की स्क्रीनप्ले , डायरेक्शन जेपी दत्ता की थी। यहां तक की वो ही मूवी के प्रोड्यूसर भी थे। जेपी दत्ता के ड्रीम प्रोजेक्ट में पांच गाने थे जो सुपरहिट हुए थे। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ऑलटाइम ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। इस मूवी को बनाने में 10 करोड़ का खर्च आया था। इसने इंडिया में 40 करोड़ की कमाई की थी जबकि वर्ल्ड वाइड इसकी कमाई 60 करोड़ रुपए हुई थी।
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