नई दिल्ली। दुनिया भर में कोरोना की वजह से आर्थिक गतिविधियां ठप हैं। कोरोना वायरस प्रकोप और भंडारण क्षमता के न होने के चलते अमेरिकी कच्चा तेल (Crude Oil) सोमवार को दो दशक से अधिक के अपने निचले स्तर 15 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर आ गया. एशियाई बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान अमेरिकी मानक वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) 19 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ 14.73 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर आ गया. हालांकि, बाद में इसमें कुछ सुधार हुआ और यहा 15.78 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
अंतर्राष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) 4.1 प्रतिशत गिरकर 26.93 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया, हालांकि बाद में इसमें थोड़ा सुधार हुआ और यह 28.11 डॉलर के भाव पर था। हाल के सप्ताहों में लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों के कारण दुनिया भर में कच्चे तेल की मांग घटी है।
कच्च्चे तेल का लेकर चल रहा प्राइस वॉर
र्च महीने से ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में लगातार नरमी देखने को मिल रही है। कच्चे तेल की कटौती को लेकर सऊदी अरब और रूस कोई सहमति नहीं बन सकी थी। इसके बाद सऊदी अरब ने अपने प्रोडक्शन में 1.20 करोड़ बैरल प्रति दिन का इजाफा कर दिया था।
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