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नई दिल्ली। अमेरिका ने एक बार फिर चीन को क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर पड़ोसी देशों को परेशान करने के लिए चीन की विस्तारवादी नीतियों और जबरदस्त रणनीति के बारे में चेतावनी दी है। इस बारे में बताते हुए अमेरिका ने डोकलाम का भी जिक्र किया है अमेरिका का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब अगले हफ्ते चीन के रक्षा मंत्री भारत दौरे पर आने वाले हैं। बता दें कि डोकलाम के मुद्दे पर भारत और चीन की सेनाएं एक बार आमने-सामने आ चुकी हैं।
बता दें कि डोकलाम को लेकर भारत और चीन की सेनाएं कई बार आमने-सामने आ चुकी हैं। अमेरिकी संसद में पेश किए अपने हालिया रिपोर्ट में पेंटागन ने कहा है कि चीन अपने पड़ोसियों के साथ पूर्ण सशस्त्र संघर्षों को उत्तेजित करके अपनी क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में नहीं डालना चाहता, क्योंकि चीन के आर्थिक विकास का आधार ही पड़ोसी देशों से व्यापार है। लेकिन अपनी बढ़ती आर्थिक, राजनयिक और सैन्य ताकतों के आधार पर चीन अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए ‘जबरदस्त उपायो’ को नियोजित करने के लिए तेजी से तैयार है।
पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दक्षिण और पूर्वी चीनी समुद्रों में अपने विस्तारित क्षेत्रीय और समुद्री संप्रभुता के दावों को लेकर चीन का सशस्त्र संघर्ष स्पष्ट नजर आ रहा है। पिछले साल सिक्किम-भूटान-तिब्बत की सीमा पर भी डोकलाम को लेकर भारत और चीन की सेनाएं 73 दिनों तक एक-दूसरे के आमने सामने रही थीं। चीनी सेना पीछे हटने का नाम ही नहीं ले रही थी। हालांकि बाद में काफी बातचीत के बाद वो पीछे हटे थे।
130 पन्नों की इस रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि कैसे चीन मिलिटरी के नवीनीकरण को लेकर आगे बढ़ रहा है। इसमें लंबी दूरी की मिसाइल, न्यूक्लियर बॉम्बर और सबमरीन से लेकर सायबर और स्पेस का भी जिक्र किया गया है। बता दें कि भारत और अमेरिका सितंबर में 2+2 डायलॉग करने वाले हैं।
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