नई दिल्ली। अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने अपनी अर्थव्यवस्था को मंदी से बचाने के लिए 11 साल बाद बड़ा फैसला लेते हुए ब्याज दरें 0.25 फीसदी तक घटा दी हैं. इस फैसले का भारत समेत दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर होगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस फैसले से निवेशक भारतीय बाजारों की ओर फिर से आकर्षित होंगे. लिहाजा बॉन्ड और शेयर बाजार में तेजी की उम्मीद है. हालांकि, ट्रेड वॉर के चलते इसका फायदा मिलने की उम्मीद कम हैं, क्योंकि भारत समेत बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के लिए अपना सामान बेचना सबसे बड़ी चिंता है और इसीलिए एक्सपोर्ट गिर रहा है.
11 साल बाद लिया बड़ा फैसला- अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने साल 2008 की मंदी के बाद पहली बार ब्याज दरें घटाई हैं. अर्थव्यवस्था में फिर किसी गिरावट की आशंका से बचने के लिए फेडरल रिजर्व ने यह कदम उठाया है. ब्याज दरों को 2 से 2.25 फीसदी के बीच रखना तय किया गया है, जिसका असर क्रेडिट कार्ड और कई तरह के लोन पर होगा.
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने साल 2008 की मंदी के बाद पहली बार ब्याज दरें घटाई हैं
ब्याज दरें घटते ही ये चीजें हुई सस्ती– फेडरल रिजर्व के फैसले से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है. एसकोर्ट सिक्योरिटी के रिचर्स हेड आसिफ इकबाल ने बताया है कि अमेरिका में ब्याज दरें घटने का सीधा संकेत है कि अमेरिका ही नहीं बल्कि दुनियाभर में फिर आर्थिक हालात खराब हो रहे है. ऐसे में क्रूड की डिमांड घटेगी. इसीलिए कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है. ऐसे में भारत में फिर से पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें और गिरने की उम्मीद बढ़ गई है.
सोना हुआ सस्ता- आसिफ का कहना है कि अमेरिका में आगे चलकर ब्याज दरें और कम नहीं होने की उम्मीद है. इसीलिए निवेशकों ने सोने में जमकर बिकवाली है. इसका असर भारतीय बाजारों पर भी दिखेगा. सर्राफा बाजार में सोने की कीमतें गिर सकती हैं.
सोने हुआ सस्ता
यर बाजार में गिरावट क्यों आई- एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्याज दरें घटना निवेशकों के लिए अच्छी खबर है. क्योंकि कंपनियों को अब सस्ते दरों पर पैसा मिलेगा. लेकिन ट्रेड वॉर के चलते इसका ज्यादा फायदा मिलने की उम्मीद नज़र नहीं आ रही है. इसीलिए निवेशकों की चिंताएं बढ़ गई हैं.
अमेरिका मीडिया में हो रहा है ट्रंप का विरोध-फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के नेतृत्व में हुई अमेरिकी नीतियों की बैठक में इस ब्याज दरों में मामूली कटौती के फैसले के समर्थन में 8 और विरोध में 2 वोट पड़े. केंद्रीय बैंक ने भरोसा दिया कि देश के इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक विस्तार को बनाए रखने के लिए उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे.
अमेरिकी मीडिया के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप इस रेट कट के लिए कई महीने से दबाव बना रहे थे. उन्होंने एक तरह से परंपरा तोड़ी है, क्योंकि इसके पहले के राष्ट्रपति केंद्रीय बैंक को राजनीतिक दबाव से मुक्त रखते थे.
फेडरल रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि ब्याज दरों में कटौती अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए यह कदम जरूरी है, क्योंकि उसके पास पहले से ही काफी सीमित हथियार हैं.
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