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यूनिक समय, नई दिल्ली। उत्तराखंड सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया है, जिसमें 1,01,175.33 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह बजट पिछले वर्ष की तुलना में 13% की वृद्धि दर्शाता है, जो राज्य के विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर करता है।
उत्तराखंड सरकार के बजट की मुख्य विशेषताएं
राजस्व अधिशेष: बजट में कोई राजस्व घाटा नहीं है, बल्कि 2,585.89 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष अनुमानित है, जो राज्य की मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाता है।
विकास पर जोर: बजट में कृषि, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, आयुष, और पर्यटन जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है।
सामाजिक कल्याण: गरीब, युवा, किसान और महिलाओं के कल्याण को प्राथमिकता दी गई है।
आर्थिक विकास: बजट में उद्यम पूंजी की स्थापना, रिवरफ्रंट विकास योजना, इलेक्ट्रिक बसों का संचालन और खेल विश्वविद्यालय की स्थापना जैसी पहलें शामिल हैं, जो राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी।
राजकोषीय घाटा: राजकोषीय घाटा 12,604.92 करोड़ रुपये अनुमानित है, जो राज्य सकल घरेलू उत्पाद (एसजीडीपी) का 2.94% है, और यह एफआरबीएम अधिनियम की निर्दिष्ट सीमा के भीतर है।
आत्मनिर्भर उत्तराखंड: यह बजट ‘नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखंड व ओजस्वी मानव संसाधन’ के विषय पर आधारित है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बजट को “हमारी प्राथमिकताओं और संकल्पों को पूरा करने का दृष्टिकोण तथा भविष्य की योजनाओं का खाका” बताया। उन्होंने गर्व व्यक्त किया कि राज्य निर्माण के रजत जयंती वर्ष में बजट का आकार 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। यह बजट उत्तराखंड के विकास पथ में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए स्तरों पर ले जाने का वादा करता है।
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